भोपाल। प्रदेश के 7 निजी मेडिकल कॉलेजों में 107 सीटों पर अपात्र उम्मीदवारों के एडमिशन संचालक चिकित्सा शिक्षा, संयुक्त संचालक चिकित्सा शिक्षा और स्टेट लेवल काउंसलिंग कमेटी की लापरवाही के कारण हुए थे। संचालनालय के अफसरों ने एनआरआई सीटों के उम्मीदवारों के दस्तावेजों की जांच किए बिना उनकी मैरिट के हिसाब से संबंधितों को सीटें आवंटित कर दी।
114 में से 107 सीटों पर इस तरह हुए थे गलत एडमिशन
1 उम्मीदवारों ने स्टेट कोटे की नीट यूजी काउंसलिंग 2017 में शामिल होने के लिए एमपी ऑनलाइन पर बनाए गए काउंसलिंग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया। इसमें उम्मीदवारों से स्टेट व एनआरआई कोटा में रजिस्ट्रेशन का विकल्प मांगा गया।
2.- एनअारआई कोटे में रजिस्ट्रेशन वाले उम्मीदवारों से ऑनलाइन पात्रता संबंधी दस्तावेज अपलोड कराए गए।
3. एनअारआई सीटों के लिए रजिस्ट्रेशन कराने व च्वाइस लॉक करने वाले उम्मीदवारों की पात्रता जांचने के बाद चिकित्सा शिक्षा संचालनालय की स्टेट लेवल नीट यूजी काउंसलिंग कमेटी ने मैरिट के आधार पर उम्मीदवारों को कॉलेज आवंटित कर दिए। उम्मीदवारों को 5 दिन के भीतर कॉलेज में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए गए।
4 डीएमई द्वारा आवंटित कॉलेज में दाखिले की प्रक्रिया पूरी करने पहुंचे एनआरआई कोटे के स्टूडेंट के पात्रता दस्तावेजों की जांच का जिम्मा निजी कॉलेजों की एडमिशन कमेटी को सौंप दिया।
यहां हुई दूसरी गलती
इस एडमिशन कमेटी ने दस्तावेजों की जांच नहीं की। इस गलती को सेकंड राउंड काउंसलिंग से पहले पात्रता दस्तावेजों की जांच करके पकड़ा जा सकता था। लेकिन, स्टेट लेवल नीट यूजी काउंसलिंग कमेटी ने इस गड़बड़ी को नहीं पकड़ा। अपात्र उम्मीदवारों का दाखिला हो गया।

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