सिंगरौली। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि किसी भी बड़ी वारदात को अंजाम देने में पीछे नही हटते। ताजा मामला जिले के गन्नई गांव का है, जहां एक रेत माफिया ने किसान को ट्रैक्टर से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। मामले में कांग्रेस हमलावर हो गई है। प्रदेश के शीर्ष नेताओं ने ट्वीट कर सरकार पर सवाल उठाए हैं।

बताया जा रहा है कि सरई थाना क्षेत्र के गन्नई गांव में रविवार देर रात अवैध रेत परिवहन में लगे ट्रैक्टर ट्रॉली से कुचलकर आदिवासी किसान इंद्रपाल अगरिया (46) की हत्या कर दी गई। रेत माफिया से जुड़े लोग गन्नई गांव से निकलने वाली पटीर नदी से रेत का अवैध उत्खनन कर किसान इंद्रपाल अगरिया के खेत से निकल कर रहे थे। खेत में धान की फसल लगी थी, फसल नुकसान को देखते हुए किसान इंद्रपाल ने अवैध रेत परिवहन रोकने के लिए रेत माफिया से विवाद भी किया था। इससे रेत माफिया ने किसान को ट्रैक्टर से कुचल दिया, जिसके चलते उसकी मौके पर मौत हो गई।

स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो इंद्रपाल के खेत और जमीन से रेत का अवैध परिवहन हो रहा था। इसके चलते फसल खराब हो रही थी। गांव के लाले वैश्य और उनके साथी रेत का परिवहन कर रहे थे। कई बार उनसे ट्रैक्टर निकालने से मना भी किया था, लेकिन उन्होंने लोगों ने दबंगई दिखाते हुए मना कर दिया। रविवार रात को भी आरोपी खेत से ट्रैक्टर निकाल रहे थे। इस दौरान करीब 8 बजे भाई इंद्रपाल ने उन्हें रोका तो उसे कुचलकर मार दिया। अवैध परिवहन में लगा ट्रैक्टर भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व उपाध्यक्ष लाले वैश्य का बताया जा रहा है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया X हैंडल पर प्रतिक्रिया भी व्यक्त की है। उन्होंने लिखा कि मध्यप्रदेश में अंतहीन हो चुके आदिवासी उत्पीड़न की एक और सनसनीखेज घटना अब सिंगरौली से सामने आई है! गन्नई गांव के गरीब आदिवासी इंद्रपाल अगरिया पर रेत माफियाओं ने इसलिए ट्रैक्टर चढ़ा दिया, क्योंकि उसने अपनी फसल पर ट्रैक्टर चढ़ाने से मना किया था! ये आरोपी भी भाजपा से जुड़े हुए हैं! इलाके में सालों से अवैध उत्खनन कर रहे हैं! इन्हें संरक्षण कौन और क्यों दे रहा है, यह इलाके का हर शख्स जानता है! सीएम मोहन यादव जी लूट की यह छूट अपराध और अपराधी को संरक्षण दे रही है! गृहमंत्री के रूप में आप चुप हैं! पुलिस-प्रशासन भी माफिया की मदद कर रहा है! जंगलराज ऐसा ही तो होता है! दलित और आदिवासियों का उत्पीड़न यदि इसी तरह जारी रहा तो वह जल्दी ही सरकार के खिलाफ सड़क पर खुला संघर्ष करते नजर आएंगे! इस लड़ाई में मैं भी सबसे आगे रहूंगा!