लेखक शिंदे. टीवी इंडस्ट्री का बड़ा नाम. कई फेमस सीरियल में सुपरहिट रोल अदाये। वह तो बिग बॉस 11 तक की विनर भी बनीं. लेकिन फिर भी वह लापता हैं. 28 अगस्त 1977 को मुंबई में जन्मी गुड़िया भाभी निक पिक्चर शिंदे ने ‘भाबीजी घर पर हैं!’ और ‘चिड़िया घर’ जैसा शो भी रिजेक्ट किया गया था। उनके शिष्यों पर अंतिम रूप से लिखा गया है कि वे ऐसे शोज को क्यों छोड़ रहे हैं।
टीचर ने ‘कभी आओ न जुदाई’ से टीवी में कदम रखा। वह ‘बिग बॉस’ 11 के विनर भी रह चुकी हैं। मगर उनके बाद उनके वैज्ञानिक मनो थाम सा गए। उन्हें वो प्रसिद्धि नहीं मिली जो रनरैप रही गणेश खान और अन्य कलाकारों को मिली।
क्या बोली वाली विनर ने काम न मिलने पर बिग बॉस में मिली लोकप्रियता का फायदा नहीं उठाया। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ‘मैं बिग बॉस विनर हूं इस वजह से लोग मेरे साथ काम करते हैं, मैं बिल्कुल भी ऐसा नहीं दिखता।’
लेखक शिंदे ने तो सुपरहिट सीरियल ‘भाबीजी घर पर हैं!’ और ‘चिड़िया घर’ भी बीच में छोड़ें थे. ‘चिड़ियाघर’ लॉन्च को लेकर उनका कहना था कि उन्हें टाइपकास्ट नहीं चाहिए था। अलग-अलग किरदार निभाने की चाहत वही और यही वजह है कि उन्होंने वह कॉमेडी शो छोड़ दिया था।
‘भाबीजी घर पर क्यों हैं!’
मीडिया के विद्वान तो मित्र शिंदे की महिमा बढ़ गई। बहुसंख्यक पॉपुलैरिटी को देखकर उन्होंने कथित तौर पर फ़ीस बढ़ाने की कमी की बात कही। इतने ही नहीं कागजात के साथ भी उनके काफी विवाद हो गए थे. इसके बाद उन्हें ये शो पोस्ट किया गया।
इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न के आरोप में दहला स्वरा भास्कर का दिल, बॉलीवुड को खींचा भी नहीं और धोबी ने भी राजनीति में डाली, आजमई थी किस्मत के कलाकार शिंदे ने ‘भाभी’, ‘संजीवनी’, ‘आम्रपाली’, ‘चिड़िया घर’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया। , ‘देवों के देव…महादेव’ और ‘लापतागंज’ जैसे शो में काम किया है। उन्होंने ‘खतरों के 14’ प्लेयर में भी हिस्सा लिया है। अभिनेता शिंदे ने अभिनय के अलावा राजनीति में भी हाथ मिलाया था और वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हुई थीं। हालाँकि उनकी राजनीतिक राजनीतिक बढ़त आगे नहीं बढ़ी।