गुजरात में आज भी मौसम विभाग ने बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। सभी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। वडोदरा, जामनगर, द्वारका में सबसे ज्यादा तबाही देखने को मिल रही है। वडोदरा में विश्वामित्री नदी का पानी शहर में घुस गया है। विश्वामित्री नदी का लेवल 34 फीट को पार कर चुका है जबकि खतरे का निशान 25 फीट पर है। शहर के अंदर हर तरफ सैलाब ही सैलाब नजर आ रहा है। जामगर और द्वारका में भी मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। मोरबी और अहमदाबाद में भी सैलाब ने लोगों की जिंदगी को मुसीबत में डाल रखा है। गुजरात में अब तक 652.4 mm बारिश हो चुकी है जबकि अब तक नॉर्मल बारिश 558.3 mm ही होती है। 6 जिलों में सेना को तैनात किया गया है।
मौसम विभाग ने आज गुजरात के कच्छ, जामनगर, मोरबी, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर जिलों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही तेज बारिश और तूफान की भी संभावना है। वहीं सुरेंद्रनगर, अमरेली, गिर और सोमनाथ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बनासकांठा, पाटन, साबर कांथा, महेसाणा अरावली, गांधीनगर, अहमदाबाद, भावनगर, महिसागर, दाहोद, पंचमहल, खेड़ा, आनंद, वडोदरा के साथ ही गुजरात के अन्य छोटे जिलों मे भी हल्की बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
गुजरात में बारिश से संबंधित घटनाओं में 19 और लोगों की मौत हो गई, जिससे ऐसी घटनाओं में तीन दिन में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के कुछ हिस्सों में गुरुवार को लगातार पांचवें दिन भी भारी बारिश जारी है। वहीं, बाढ़ प्रभावित इलाकों में से 17,800 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
सबसे पहले आपको गुजरात के द्वारका का हाल बताते हैं। यहां सैलाब के बीच फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए वायुसेना को लगाया गया है। वायुसेना के जवान हेलीकॉप्टर की मदद से सैलाब में फंसे लोगों का रेस्क्यू कर रहे हैं। हेलीकॉप्टर से बकेट को नीचे फेंका जाता है फिर बाढ़ में फंसे लोग उसमें बैठ जाते हैं और वायुसेना के जवान धीरे-धीरे रस्सी को ऊपर खींचकर बाढ़ में फंसे लोगों का रेस्क्यू करते हैं। गुजरात में बाढ़ के बीच सेना और वायुसेना के जवान देवदूत बने हैं और 24 घंटे लोगों की जान बचाने के मिशन में जुटे हैं।
द्वारका में एयरफोर्स हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू में जुटी है तो स्थानीय प्रशासन और NDRF के जवान घरों में फंसे लोगों के रेस्क्यू में जुटे हैं। लाइफ बोट के जरिए घरों में कई दिनों से फंसे लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है। कॉलोनी पूरी तरह सैलाब में डूब गई है। प्रशासन अब लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट कर रहा है।
सैलाब ने सबसे ज्यादा तबाही वडोदरा में मचाई है। वडोदरा में हर तरफ सिर्फ और सिर्फ सैलाब ही सैलाब नजर आ रहा है। लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं। सड़कों पर कई फीट तक भरे पानी के बीच लोग ट्रैक्टर से जरूरी सामान लेने घरों से निकल रहे हैं। निचले इलाकों में बने घरों और दुकानों में बाढ़ का पानी घुस गया है। विश्वामित्री नदी का पानी वडोदरा में बह रहा है। नदी में रहने वाले मगरमच्छ रिहायशी इलाकों में घुस गए हैं जिससे लोगों की जान खतरे में है। वडोदरा की सड़कों पर अपनी फोर व्हीलर और टू व्हीलर पार्क करने वाले लोगों को बड़ा नुकसान हुआ है। शहर के अलग-अलग इलाकों में करीब 10 हजार कारें पानी में डूबी हैं।
जामनगर में कॉलोनियां पूरी तरह पानी में डूब चुकी हैं। घरों के ग्राउंड फ्लोर पूरी तरह पानी में समा गए हैं। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। सभी अपने-अपने घरों के सेकेंड फ्लोर पर कैद हैं। सड़कों पर कई फीट कमर तक पानी भरा हुआ है। पूरा शहर सैलाब की चपेट में नजर आ रहा है। क्या अहमदाबाद, क्या सूरत और क्या वडोदरा, शहरों के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।