भोपाल । मध्य प्रदेश में अब पशुओं को आवारा नहीं बोला जाएगा. सरकार ने सड़क पर घूमने वाले पशुओं को अब ‘आवारा’ की जगह ‘निराश्रित’ संबोधित करने का फैसला किया है. BJP के पूर्व विधायक की पहल पर राज्य शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है.

मंदसौर के पूर्व BJP विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने ‘X’ पर जानकारी दी कि मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी ने एक आदेश को संशोधित कराते हुए “आवारा की जगह अब निराश्रित मवेशी” करवा दिया है. इसके लिए यशपाल जी ने मुख्यमंत्री मप्र का आभार माना है. अभी तक मवेशियों के लिए ‘आवारा’ शब्द का इस्तेमाल होता आया है. यशपाल सिंह सिसौदिया ने संबोधन से उपजी मानसिकता में बदलाव की बात कही है.

पूर्व विधायक ने लिखा, ”मवेशियों में गाय भी होती है और गौ माता को आवारा कहना कदापि उचित नहीं है, इस बात को लेकर मैंने 18 अगस्त 2024 को ‘X’ पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में संशोधन का आग्रह मुख्यमंत्री मोहन यादव से किया था, विषय की गंभीरता को लेकर संवेदनशील मुख्यमंत्री जी ने आदेश को संशोधित कराते हुए “आवारा की जगह निराश्रित मवेशी” करवा दिया है उसके लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.”

गौवंश के सम्मान सभी उपाय किए जाएं: CM
उधर, बीते दिनों CM मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश में कृषि के साथ पशुपालन विकास के लिए कृषकों और पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जाए. गौवंश के सम्मान और सुरक्षा के लिए सभी उपाय किए जाएं. निशक्त और वृद्ध गायों के लिए गौशालाएं संचालित करने के साथ पशुपालन विकास को प्राथमिकता देना आवश्यक है. पशुपालन एवं डेयरी विभाग संबंधित विभागों के सहयोग से बेहतर परिणाम लाने के लिए इस दिशा में आगे बढ़े. मुख्यमंत्री ने एक बैठक के दौरान गौवंश रक्षा और दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन योजना के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर निर्देश दिए.

आवारा मवेशी नियंत्रण के लिए कमेटी गठित
एमपी सरकरा की ओर प्रमुख मार्गों पर 15 दिवस का विशेष अभियान चलाया जाकर आवारा मवेशी नियंत्रण के लिए कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए मवेशी समिति का गठन किया गया है. समिति के अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव, गृह रहेंगे. गौरतलब है कि इसके पहले सभी जिला कलेक्टर्स को प्रमुख मार्गों पर आवारा मवेशियों के नियंत्रण के लिए निर्देश जारी किए गए थे.

कमेटी में अपर मुख्य सचिव पंचायत और ग्रामीण विकास, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग और प्रमुख सचिव पशुपालन और डेयरी विभाग को सदस्य बनाया गया है. प्रमुख सचिव नगरीय आवास एवं विकास समिति के सदस्य सचिव रहेंगे. विशेष अभियान अंतर्गत मवेशियों के नियंत्रण के लिए प्राप्त सुझावों को भी शामिल किया जाएगा.

गौवंश और अन्य मवेशियों के लिए हाइड्रोलिक वाहन व्यवस्था
CM यादव ने कहा कि दुग्ध उत्पादन में वृद्धि से पशुपालकों की आय बढ़ेगी. गुजरात एवं अन्य प्रांतों में लागू व्यवस्था का अध्ययन कर मध्यप्रदेश में अधिक प्रयास किए जाएं. मुख्यमंत्री यादव ने वर्षाकाल में निराश्रित गौवंश की समस्या के निराकरण और खुले में छोड़े गए गौवंश से सड़क दुर्घटनाओं की समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए. राजमार्गों पर गौवंश की उपस्थिति से यातायात से जुड़ी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं.

पशुपालन एवं डेयरी विभाग की ओर जानकारी दी गई कि प्रदेश में प्रथम चरण में रायसेन, विदिशा, सीहोर, देवास, राजगढ़ आदि जिलों का चयन कर हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल को टोल व्यवस्था के साथ जोड़कर इस समस्या के समाधान का कदम उठाया है. इसके लिए आवश्यक वाहन व्यवस्था की गई है. यह वाहन गौवंश को निकट की गौशाला में टोल नाका संचालक एवं अन्य निकाय की मदद से ले जाएंगे. शीघ्र ही अन्य जिलों के लिए भी इस सुविधा का विस्तार होगा.

चलित पशु चिकित्सा इकाई (टोल फ्री नंबर 1962) संचालित कर रहा है, जिसके माध्यम से पशुओं को फर्स्ट-एड सुविधा दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुनादी करवाकर पशुपालकों और किसानों को अपने मवेशी सड़क पर न छोड़ने की सलाह दी जाए.