नई दिल्ली। घरेलू बाजार में सोना फिर से रफ्तार पकड़ रहा है। जुलाई के बजट में कस्टम ड्यूटी घटाने के बाद इस बहुमूल्य धातु की कीमतों में करीब सात हजार रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट देखी गई थी। बीते एक महीने के दौरान सोना अपने निचले स्तर से करीब सात फीसदी यानी तकरीबन पांच हजार रुपये की रिकवरी कर चुका है। कीमतों में आगे और भी तेजी के आसार हैं।
पिछले महीने 23 जुलाई को पेश किए गए आम बजट में सोने पर आयात शुल्क को 15 फीसदी से घटाकर छह फीसदी कर दिया गया। इसके अलावा वैश्विक बाजारों में आई नरमी ने भी सोने की घरेलू कीमतों पर दबाव बनाया था।
सोना 18 जुलाई 2024 को शुरुआती कारोबार में 74,065 रुपये प्रति 10 ग्राम की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद 26 जुलाई को शुरुआती कारोबार में 68,069 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर तक चला गया था। इससे पहले 23 मई, 2024 को सोना 74,222 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचा था।
इससे पहले अप्रैल और मई में भी सोने की कीमतें कई बार ऊपरी स्तर तक गई थीं। उस दौरान भी जून में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई थी। लेकिन इस संभावना के कमजोर पड़ने के साथ ही मई के आखिरी हफ्ते और जून में कीमतों में दबाव देखने को मिला। जून के पहले पखवाड़े में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोना 2,300 डॉलर से भी नीचे चला गया था।
ब्याज कटौती का पड़ेगा असर
मार्केट में फिलहाल इस बात की संभावना बेहद प्रबल हो गई है कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक सितंबर की अपनी बैठक में ब्याज दरों में 25 आधार अंक यानी 0.25 फीसदी की कटौती सकता है। यदि अमेरिका में ब्याज दरों में कमी आती है तो सोने को और सपोर्ट मिलना लाजमी है। सोने पर कोई ब्याज/ प्रतिफल नहीं मिलता इसलिए ब्याज दरों के नीचे जाने से निवेश के तौर पर इस निवेश की पूछ-परख बढ़ जाती है।
केंद्रीय बैंक बढ़ा रहे भंडार
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के हालिया सर्वे में भी यह बात सामने निकल कर आई है कि 29 फीसदी केंद्रीय बैंक अगले 12 महीने में अपने गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी करना चाह रहे हैं। इस सर्वे में गोल्ड की खरीदारी को लेकर केंद्रीय बैंकों ने जितना उत्साह जताया है वह वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के इस तरह के बाकी सभी सर्वे के मुकाबले ज्यादा है। पिछले साल के सर्वे में 24 फीसदी केंद्रीय बैंकों ने अपने गोल्ड रिजर्व में वृद्धि करने की इच्छा जताई थी।