सागर । घातक हथियारों से मारपीट कर हत्या करने वाले आरोपीगण लल्लू यादव ,आकाश यादव, पप्पू उर्फ लीलाधर यादव को भा.द.वि. की धारा- 302/34 के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रूपये अर्थदण्ड , धारा- 307/34 के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो-दोे हजार रूपये अर्थदण्ड, की सजा से, माननीय न्यायालय विषेष अपर-सत्र न्यायाधीष जिला-सागर श्रीमान प्रषांत कुमार सक्सेना की अदालत नेे दंडित किया। शेष 04 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुये दोषमुक्त किया गया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री सौरभ डिम्हा ने की ।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि दिनांक 30.05.2022 को फरियादी बृजेंद्र यादव ने अस्पताल सागर में रिपोर्ट लेख कराई कि वह अपने भाई पुष्पेंद्र यादव के साथ रात्रि लगभग 9.30 बजे मकरोनिया से मोटर साईकिल से अपने काम निपटाकर अपने गांव बड़तूमा वापस लौट रहा था। रास्ते में पटवारी प्रशिक्षण शाला बड़तूमा पहुंचने पर, बड़तूमा निवासी लल्लू यादव अपनी बुलेरो जीप लेकर आया तथा जान से मारने की नियत से उनकी मोटर साईकिल में टक्कर मारी जिससे दोनों लोग जमीन पर गिर गये। बुलेरो जीप में से अभियुक्तगण लल्लू यादव, राकेश यादव, नीलेश मेहतर, पप्पू यादव, आकाश यादव, बिट्टू यादव, दीपचंद उर्फ गचाड़ी यादव तथा दौलत यादव एक राय होकर गाड़ी से उतरकर आए तथा लाठी, पाइप, रॉड, हथौड़ा तथा सब्बल लेकर जान से मारने की नियत से उसे तथा उसके भाई पुष्पेंद्र की मारपीट करने लगे। लल्लू ने पुष्पेंद्र को हथौड़ा मारा, खून निकलने लगा, दौलत यादव ने सब्बल से पुष्पेंद्र के दोनों पैरों में मारा, पप्पू तथा राकेश भी कुल्हाड़ी लेकर आए तथा पुष्पेंद्र की मारपीट की जिससे उसे सिर, कमर, पीठ में चोटें आई। मैं बचाने आया तो गचाड़ी यादव ने लोहे के पाइप से सिर तथा कोहनी में मारा। अभियुक्त आकाश, नीलेश तथा बिट्टू भी पाइप लेकर आए तथा उसकी मारपीट करने लगे। जिससे उसे पीठ, सिर व शरीर में अन्य जगह चोटें आई। हम दोनों लोग जान बचाकर मुहल्ले की तरफ भागे तो मुहल्ले के लोग आ गए, जिन्हें देखकर सभी अभियुक्तगण भागने लगे तथा गाली देते हुये बोलने लगे कि आज तो बच गए आइंदा मिले तो जान से खत्म कर देगें। फिर मैने अपने मोबाइल से 100 नंबर डायल कर पुलिस को बुलाया। थाना मकरोनिया की पुलिस मौके पर आई और आहतगण को गाड़ी से लेकर जिला चिकित्सालय सागर पहुंचे, जहां दोनो आहतगण का मेडीकल परीक्षण कराया गया। आहतगण को आगामी चिकित्सा के लिए बुंदेलखंड मेडीकल कॉलेज सागर रेफर किया। दोनों ही आहतगण को आगामी उपचार के लिए राय अस्पताल सागर ले जाया गया। इलाज के दौरान आहत पुष्पेंद्र की मृत्यु हो गई। उक्त आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मकरोनिया द्वारा भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 147, 148, 294, 307 सहपठित धारा 149 एवं धारा 302 सहपठित धारा 149 तथा 506 भाग 2 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों की साक्ष्य न्यायालय में कराई गई एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं बहस के दौरान माननीय उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण न्यायदृष्टांत पेश किये गये एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत माननीय न्यायालय विष्ेाष अपर-सत्र न्यायाधीष जिला-सागर श्रीमान प्रषांत कुमार सक्सेना की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।