मध्यप्रदेश की तेज तर्रार लेडी IAS ऑफिसर रजनी सिंह के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है और साथ ही उन पर एक हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया है। सागर जिले की बीना कोर्ट ने ये वारंट जारी किया है और जुर्माना लगाया है। कोर्ट का मानना है कि IAS रजनी सिंह ने जानबूझकर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया और कोर्ट में उपस्थित नहीं हुई इसलिए उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी हुआ है।

करीब 8 साल पुराने मामले में वारंट जारी
सागर जिले की बीना कोर्ट ने बीना में 8 साल पहले एसडीएम के पद पर पदस्थ रहीं IAS अधिकारी पर एक हजार का जुर्माना लगाया है। IAS अधिकारी रजनी सिंह ( IAS Rajni Singh ) पर आधार कार्ड बनाने की सामाग्री की जब्ती के बाद अधूरी सामग्री लौटाने का आरोप है । कोर्ट ने रजनी सिंह के साथ-साथ तत्कालीन तहसीलदार मोनिका वाघमारे और कम्प्यूटर ऑपरेटर जितेंद्र रैकवार को भी कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।

ये है पूरा मामला
23 जुलाई 2016 को तत्कालीन बीना एसडीएम आईएएस रजनी सिंह, तहसीलदार मोनिका बाघमारे और कंप्यूटर ऑपरेटर ने बीना के आचवल वार्ड में किराए से रहने वाले नंदकिशोर पटवा के मकान पर छापा मारा था और कंप्यूटर सहित अन्य सामान जब्त किया था। नंदकिशोर हिरनछिपा गांव में आधार कार्ड सेंटर चलाता था। जब उसने इस कार्रवाई का विरोध किया तो उसके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का प्रकरण दर्ज कराया गया। इसके बाद साल 2018 में नंदकिशोर को तहसील कार्यालय से एक पत्र मिला, जिसमें जब्त सामान वापस लेने की बात लिखी थी। वो सामान लेने तहसील कार्यालय पहुंचा तो लैपटॉप छोड़कर अन्य सामान उसे लौटा दिया गया। उसने पूछताछ की तो बताया गया कि लैपटॉप नजारत शाखा में जमा नहीं हुआ है। 20 अप्रैल 2018 को सूचना के अधिकार तहत जानकारी मांगी तो एसडीएम कार्यालय से बताया गया कि इस संबंध में कोई रिकॉर्ड कार्यालय में नहीं है। इसके बाद इसी मामले को लेकर नंदकिशोर ने 2 मई 2018 को परिवाद पत्र बीना कोर्ट में दाखिल किया था।