जेनेवा में इस सप्ताह शुरू होने वाली सीरिया शांति वार्ता को उस समय झटका लगा जब देश के राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार ने वार्ता में भाग लेने की पुष्टि नहीं की. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि उनकी ओर से कोई प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को नहीं पहुंचेगा.

इस बीच, तुर्की के प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस, तुर्की और ईरान के नेतृत्व में सीरिया में शांति के लिए शुरू की गई अस्ताना प्रक्रिया की संयुक्त राष्ट्र की जेनेवा वार्ता के साथ कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है और वह समानांतर काम कर रही है.

संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में आज शुरू होने वाली वार्ता को छह साल से चल रहे विनाशकारी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा था. संयुक्त राष्ट्र के दूत स्टाफन डी मिस्तूरा ने सुरक्षा परिषद को बताया कि उनके सहायक के साथ सप्ताहांत में होने वाली वार्ता के दौरान सरकार ने जेनेवा में अपने भाग लेने की अभी तक पुष्टि नहीं की है लेकिन उसने संकेत दिया कि हमें जल्द ही उनसे इस संबंध में जानकारी मिलेगी.

उन्होंने जेनेवा से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए कहा कि हमें कल रात यह संदेश मिला कि सरकार का कोई प्रतिनिधि आज जिनेवा नहीं आएगा.

उल्लेखनीय है कि असद ने पिछले सप्ताह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के बाद कहा था कि वह वार्ता के लिए तैयार हैं. दूत ने कहा, राष्ट्रपति पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान खासकर राष्ट्रपति असद द्वारा जताई गई प्रतिबद्धता के मद्देनजर हम जानते हैं और उम्मीद करते हैं कि सरकार जल्द ही यहां पहुंचेगी.

तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिल्दिरिम ने लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज में कहा, यह प्रक्रिया जेनेवा प्रक्रिया से प्रतिस्पर्धा नहीं कर रही. उन्होंने कहा, अस्ताना शांति वार्ता, त्रिपक्षीय बैठकें जेनेवा का विकल्प नहीं है. हम जेनेवा में समाधान के लिए बुनियाद तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं.

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