ठाणे। ठाणे के बदलापुर में स्थित आदर्श विद्यालय के शिशु वर्ग में पढ़ने वाली दो बच्चियों के साथ सफाई ठेकेदार के कर्मचारी ने छेड़छाड़ की थी। इस घटना से गुस्साए लोगों ने स्कूल के सामने मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे थे। देखते ही देखते प्रदर्शन कर रहे लोगों की संख्या बढ़ती गई और पूरे शहर में आक्रोशित लोगों की भीड़ बैनर-पोस्टर लेकर निकल आई। इसके बाद लोगों ने रेलवे स्टेशन का घेराव शुरू कर दिया। 

घटना के विरोध में बड़ी संख्या में अभिभावक और स्थानीय लोग स्कूल के गेट पर जमा हो गये और स्कूल की लापरवाही पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। स्कूल प्रशासन की ओर से कोई ठोस रुख नहीं अपनाये जाने से अभिभावक नाराज हैं। लोगों ने गुस्सा जाहिर करते हुए रेलवे ट्रैक पर उतर आए और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान जब पुलिस के जवानों ने भीड़ को हटाने की कोशिश की तो भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया।

पटरियों पर प्रदर्शन के कारण ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है। रेलवे ट्रैक पर जमा लोगों को हटाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। क्योंकि गुस्साए लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। लोगों ने पुलिस बल पर पथराव कर दिया। छेड़खानी का यह मामला तूल पकड़ने लगा है। 

इस मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक SIT गठित करने का आदेश दिया है। इस एसआईटी को आईजी रैंक की सीनियर आईपीएस अफसर आरती सिंह लीड करेंगी। यह टीम बदलापुर मामले की जांच करेगी। इसके साथ ही ठाणे के पुलिस कमिश्नर को इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने के लिए प्रस्ताव देने को कहा गया है। ताकि, आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।

हजारों गुस्साए लोगों की भीड़ बदलापुर में रेलवे ट्रैक पर जाकर प्रदर्शन कर रही थी। इस कारण लोकल ट्रेनों की आवाजाही ठप हो गई है। मुंबई से रवाना होने वाली मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को दूसरे रूट से गंतव्य की ओर भेजा जा रहा है। क्योंकि बदलापुर में हजारों लोग रेलवे ट्रैक पर उतर आए हैं और घटना के विरोध में रेल रोको प्रदर्शन कर रहे हैं। 

बदलापुर के आदर्शन स्कूल में साढ़े तीन साल की दो छात्राओं के साथ सफाई का काम करने वाले एक स्टाफ ने छेड़खानी की थी। हालांकि, आरोपी अक्षय शिंदे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बावजूद लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। स्कूल में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक और स्थानीय लोग ठोस कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस मामले में स्कूल प्रबंधन ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर को निलंबित कर दिया है। साथ ही इस मामले में पुलिस इंस्पेक्टर शुभदा शितोले के खिलाफ भी कार्रवाई की गई और उनका ट्रांसफर कर दिया गया। उन पर अभिभावकों ने कार्रवाई में ढीला रवैया अपनाने का आरोप लगाया था।  इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होने की बात कही गई है। 

डीसीपी सुधाकर पठारे ने शहरवासियों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद साढ़े तीन घंटे के अंदर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। कोर्ट ने उसे पुलिस हिरासत में भी भेज दिया है। डीसीपी पठारे ने शहरवासियों से अपील की है कि वे जांच में पुलिस का सहयोग करें, ताकि इस गंभीर मामले की तह तक पहुंचा जा सके और न्याय सुनिश्चित हो सके।

डीसीपी ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई शहर बंद या आंदोलन का आयोजन करता है, जिससे जांच में बाधा उत्पन्न हो सकती है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरतेगी और दोषियों को सजा दिलाने के लिए पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है।