ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के सिकाहाटा निवासी दुष्कर्म पीडि़त 15 वर्षीय नाबालिग मां को सुरक्षा के लिहाज से ग्वालियर बालिका गृह भेजा गया है। बाल कल्याण समिति ने पीडि़ता के भाइयों को गांव में सुरक्षा देने के लिए पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे को पत्र लिखा है। वहीं दुष्कर्म पीडि़त मां की बच्ची को भिण्ड के शासकीय जिला चिकित्सालय के गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) से आज भिण्ड जिले के लहार शिशु गृह के सुपुर्द कर दिया गया है। दुष्कर्म पीडि़त नाबालिग ने 22 नवंबर को जिला अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया था। सिविल सर्जन डाॅं. अजीत मिश्रा ने बच्ची को 1 माह एसएनसीयू में रखने का निर्णय लिया था, लेकिन अब बच्ची को स्वस्थ्य बताते हुए लहार शिशु गृह भेज दिया गया है।
भिण्ड जिले के ऊमरी थाना क्षेत्र के सिकाहाटा गांव में आरोपी शौर्य सिंह जाटव ने 15 वर्षीय नाबालिग से कुल्हाड़ी व भाईओं को जान से मार दिए जाने का डर दिखाकर दुष्कर्म किया था। एक बार शिकार बनाने के बाद आरोपी ने धमकाकर नाबालिग से कई बार दुष्कर्म किया। नाबालिग गर्भ से हुई तो परिजन को वारदात का पता चला। इसके बाद नाबालिग की शिकायत पर ऊमरी पुलिस ने आरोपी पर मामला दर्ज किया था। नाबालिग पीडि़ता ने 22 नवंबर को बेटी को जन्म दिया था। बाल कल्याण समिति और महिला सशक्तिकरण विभाग के अधिकारियों ने पीडि़ता के बयान लिए थे। इसके बाद कल पीडि़ता को बालिका गृह ग्वालियर भेजने का निर्णय लिया गया है। एएसआई रंजीत तोमर और महिला पुलिसकर्मी की सुरक्षा में कल दुष्कर्म पीडि़त मां को ग्वालियर के लिए रवाना कर दिया गया है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. रवीन्द्र शर्मा के मुताबिक सुरक्षा की दृष्टि से पीडि़ता को ग्वालियर भेजने का निर्णय लिया गया है।
भिण्ड के शासकीय जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. अजीत मिश्रा का कहना है पीडि़ता ने बच्ची को जन्म के बाद सिर्फ एक बार अपना दूध पिलाया। बच्ची को अपनाने से इनकार किया। ऐसे में बच्ची को एसएनसीयू में भर्ती किया। बच्ची को आहार में ऊपरी दूध दिया गया। सिविल सर्जन ने पहले 1 माह तक बच्ची को एसएनसीयू में रखने की बात कही थी, लेकिन बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. रवीन्द्र शर्मा का कहना है बच्ची स्वस्थ्य है। उसे लहार शिशु गृह में रखा जाएगा। आज बच्ची को शिशु गृह के पदाधिकारियों के सुपुर्द कर दिया गया। कारा की गाइड लाइन से बच्ची को दंपति को गोद देने की कार्यवाही होगी। इस पूरे मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने भिण्ड कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है।
बाल कल्याण समिति भिण्ड के अध्यक्ष डाॅं. रवीन्द्र शर्मा ने बताया कि गांव में पीडि़ता को खतरा हो सकता था। सुरक्षा के लिहाज से पीडि़ता को ग्वालियर बालिका गृह भेजने का निर्णय लिया गया है। पीडि़ता की बच्ची को शिशु गृह के सुपुर्द किया गया है।

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