नई दिल्ली: मामला चाहे महिला (Women) से जुड़ा हो या पुरुष (Men) से, कानून के दरवाजे पर इंसाफ सबको मिलता है और इसमें भेदभाव की गुंजाइश नहीं होती. दिल्ली की एक अदालत (Court) ने एक महिला को अपने पूर्व पति (Ex-husband) को परेशान करने, मानहानि (Defamation) करने के एक मामले में दोषी पाया है. महिला अपने पूर्व पति को बार बार परेशान करती थी जिसके चलते पति को एक बीमारी भी हो गई और उसे अपना इलाज करवाना पड़ा जिसमें उसके 6 लाख रुपये खर्च हो गए.
मामला केवल पूर्व पति तक नहीं रुका बल्कि यह पूर्व पत्नी ईमेल के जरिए पूर्व पति के मामा को लगातार ईमेल भेजती थी और पूर्व पति की खूब बुराई करती थी. जानकारी के मुताबिक, पूर्व पति का दावा है कि महिला उसे अपनी बेटी से भी नहीं मिलने देती थी और बाप होने के नाते वह अपनी बेटी के प्यार से महरूम रह रहा था. जिन ईमेलों के जरिए अपने दोस्तों को जो जो बातें बोलती थी उसमें उसके और उसकी मां के लिए बेहद आपत्तिनजनकर भाषा का इस्तेमाल होता था.
दिल्ली कोर्ट ने पाया कि महिला मानहानि के केस में दोषी है और उसे पूर्व पति को 15 लाख रुपये चुकाने का आदेश दिया. साकेत जिला कोर्ट के जज सुनील बेनिवाल ने कहा कि ऐसा पाया गया है कि महिला के व्यवहार से पति को चोट पहुंची है और उसकी प्रफेशनल ग्रोथ प्रभावित हुई है. कोर्ट ने सबूत के तौर पर ईमेलों आदि को काउंट किया. 29 जुलाई को कोर्ट ने आदेश सुनाया.
महिला का कहना है कि पुरुष द्वारा दायर किया गया मुकदमा झूठा, बेबुनियाद, गलत नीयत से भरा और उन्हें परेशान करने के उद्देश्य से दायर किया गया है. महिला ने यह भी दावा किया कि मुकदमा कानूनी सीमाओं के कारण भी प्रोहिबेटेड था क्योंकि यह साल 2010 की चैट और 2020 में भेजे गए ईमेल पर आधारित था. न्यायालय में इस व्यक्ति ने अपनी पूर्व पत्नी के विरुद्ध मुकदमा दायर किया था. इसमें उसने अपनी पूर्व पत्नी से उसे बदनाम करने, उसके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण और झूठे मुकदमे चलाने के लिए हर्जाना मांगा था.
2001 में दोनों की शादी हुई थी. 2021 में हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत क्रूरता के आधार पर एक फैमिली कोर्ट ने विवाह को भंग कर दिया था. पति ने आरोप लगाया कि पत्नी 2009 में अपनी नाबालिग बेटी के साथ घर छोड़कर चली गई थी. कई अदालतों और अधिकारियों के सामने उसके और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मानहानि करने वाले आरोप लगाकर झूठे मुकदमे लगाए. तलाक बाद भी वह वादी के वृद्ध और बीमार मामा, जो वादी के एंप्लायर भी थे, को ईमेल भेजकर उन्हें बदनाम करना जारी रखा.