भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महिला अपराधों की रोकथाम के लिये संवेदनशीलता और तत्परता से कठोर कार्रवाई करें, जिससे अपराधियों में डर पैदा हो। अपराधों पर नियंत्रण के लिये संभागवार रणनीति बनायी जाये। साईबर अपराधों से निपटने के लिये जिला स्तर पर सुदृढ़ व्यवस्था करें। चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी रोकने के लिये जागरूकता अभियान चलायें। मुख्यमंत्री चौहान यहाँ पुलिस मुख्यालय में आई.जी.-डी.आई.जी. कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में पुलिस हर चुनौती का सामना करने में खरी उतरी है। इसकी उपलब्धियाँ गर्व करने के लायक हैं। कानून व्यवस्था ऐसा क्षेत्र है जिसमें लगातार नई चुनौतियाँ सामने आती रहती हैं। जिस तेजी से तकनीक का विकास हो रहा है, उसी क्रम में अपराध के तरीके भी बदलते जा रहे हैं। साईबर क्राईम एक नई चुनौती के रूप में समाज में पनप रहा है। हमें इसे सख्ती से रोकना होगा। इसके लिये महिला छात्रावास, कॉलेज, स्कूल, कोचिंग सेंटर जैसे स्थानों पर लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की जाये। चौहान ने कहा कि बीट स्तर तक की टीम लगातार गश्त करें। क्षेत्र में पुलिस की प्रभावी उपस्थिति रहे। संसाधनों का उचित उपयोग कर लोगों में सुरक्षा का विश्वास पैदा करें।
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिये कि जनता को हेल्पलाईन नंबर और ई-कॉप जैसी सुविधा की व्यापक जानकारी दें। छात्राओं को आत्मरक्षा के लिये प्रशिक्षण दें और जागरूक बनायें। पुलिस बल के अलावा ग्राम तथा नगर सुरक्षा समितियों, एन.सी.सी., एन.एस.एस., शौर्या बल, तेजस्विनी समूह और स्व-सहायता समूहों की मदद लें। सभी जिलों में वन स्टॉप सेंटर स्थापित करें। स्कूली बसों में ड्राईवर-कंडक्टरों का चरित्र सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाये तथा स्कूली बसों में महिला कंडक्टर होने के नियम का सख्ती से पालन करायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली बसों में सीसीटीव्ही कैमरे समय-सीमा में लगाये जायें। सभी महिला छात्रावासों में रसोईया और सफाईकर्मी महिलाएं हों। महिला छात्रावासों के प्रवेश वाले रास्ते पर सीसीटीव्ही कैमरे लगाये जायें। आगामी विधानसभा सत्र में जनसुरक्षा विधेयक लाया जाये।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि साम्प्रदायिक घटनाओं को रोकने के लिये कई जिलों ने अच्छा काम किया है। इस तरह के मामलों में लगातार सतर्कता बनाये रखें। पुलिस विभाग की अलग-अलग शाखाओं और अन्य विभागों में समन्वय को और बेहतर बनायें। पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था के लिये बीस वर्ष की सेवा तथा पचास वर्ष की आयु वाले निष्क्रिय और गलत रिकार्ड वाले अमले की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रकरण बनायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने रेत उत्खनन नीति में परिवर्तन किये हैं। इससे लोगों को जरूरत के अनुसार सहजता से रेत मिलेगी तथा रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग रेत के अवैध उत्खनन को रोकने की कार्रवाई जारी रखें। मादक पदार्थो की रोकथाम की विशेष रणनीति बनायें। बड़े अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करें। खरगौन-बड़वानी जिले में अवैध कारोबार में लिप्त सिकलीगरों को रोजगार से लगाने की योजना बनायें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि साईबर सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनायें। हर जिले में साईबर सुरक्षा के लिये विशेष सेल बनायें। सी.एम. हेल्पलाईन के प्रकरणों में प्रभावी कार्रवाई करें। इलेक्ट्रानिक मीडिया में आने वाले भ्रामक विज्ञापनों पर कानूनी प्रावधान के तहत कार्रवाई करें। एन.एस.ए. तथा जिलाबदर की प्रभावी कार्रवाई करें। सूदखोरी को रोकने के लिये सख्त कानूनी कार्रवाई करें। आदिवासी क्षेत्रों में बेटियों की गुमशुदगी के प्रकरणों में विशेष ध्यान देकर कार्रवाई करें। गौ-वंश की अवैध निकासी रोकने के लिये कार्रवाई करें। प्रदेश में कानून व्यवस्था और शांति का वातावरण रखने के लिये पुलिस विभाग बेहतर कार्रवाई जारी रखे।
पुलिस महानिदेशक आर.के. शुक्ला ने बताया कि अगले वर्ष की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुये अपराधों पर नियंत्रण की कार्य-योजना बनाई गई है। अगले तीन वर्षों में प्रत्येक थाने में दो-दो महिला आरक्षकों की पदस्थापना की जायेगी। थानों में महिला रेस्ट रूम की व्यवस्था भी की जायेगी। गौवंश की अवैध निकासी को रोकने के लिये प्रदेश की सीमा से आने-जाने वाले रास्तों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने स्टेटेस्टिकल डाटा – 2017 का विमोचन किया। बैठक में पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा प्रदेश के आई.जी.-डी.आई.जी. उपस्थित थे।