ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड शहर के अटेर रोड पर कल रात्रि को चाचा और बड़े भाई के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली में मिट्टी भरकर घर लौट रहे युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरोपी बाइक से आए थे। लाइसेंसी 315 बोर की बंदूक से करीब 7 फायर किए, जिसमें एक गोली मृतक युवक के सीने में लगी। मृतक के बड़े भाई का कहना है कि आरोपियों से उनका 20 साल पुराना जमीन का विवाद है। पूर्व में भी इस विवाद में 3 लोगों की हत्या हो चुकी है। सीएसपी वीरेंद्र सिंह तोमर ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए टीमें लगाई हैं।
भिण्ड जिले के पावई थाना क्षेत्र के ग्राम विरगवां हाल अटेर रोड अशोक नगर निवासी विकास तिवारी 28 वर्ष कल रात्रि को गढ़ूपुरा गांव से ट्रैक्टर-ट्रॉली में मिट्टी भरकर घर लौट रहे थे। साथ में बड़े भाई अशोक तिवारी और चाचा सुभाष तिवारी थे। यह लोग अटेर रोड पर संजीवनी हॉस्पिटल के पास आए तभी अचानक बाइक पर सवार होकर करीब 8-10 लोग आए और 315 बोर की बंदूक से फायरिंग शुरू की। अशोक तिवारी का कहना है कि आरोपियों की ओर से करीब 7 राउंड गोली चलाई गईं, जिसमें से एक गोली विकास के सीने में लगी। विकास को गोली लगते ही आरोपी भाग निकले। अशोक और सुभाष विकास को जिला अस्पताल लेकर आए, लेकिन डॉक्टरों ने विकास को मृत घोषित कर दिया। हत्या की सूचना मिलते पर सीएसपी वीरेंद्र तोमर और सिटी व देहात थाने का पुलिस बल अटेर रोड पर पहुंच गया। जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में विकास के बड़े भाई अशोक तिवारी ने बताया कि उनके भाई की हत्या श्रीप्रकाश शर्मा, रामसनेही शर्मा, रामशरण के दो बेटे, रामानंद शर्मा, रामशरण शर्मा, धर्मेंद्र शर्मा, सोनू शर्मा और शिवपूजन शर्मा ने की है। सीएसपी ने अशोक के बताए मुताबिक नाम नोट कर आरोपियों की धरपकड़ के लिए टीम रवाना की हैं।
जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में मृतक विकास तिवारी के बड़े भाई अशोक तिवारी ने बताया कि 1999 से दोनों परिवारों में जमीन का विवाद है। पहले तीन लोगों की हत्या हो चुकी हैं। अशोक ने बताया कि वह 6 माह पहले 17 साल की जेल काटकर बाहर निकला है। अशोक का कहना है कि गांव में जमीन के मामले को लेकर वे चंबलरेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी), उप महानिरीक्षक (डीआईजी), भिण्ड कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक और पावई के तत्कालीन थाना प्रभारी यतेंद्र भदौरिया से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं की गई।
अभी बीते दिनों चंबलरेंज के आईजी उमेश जोगा ने भिण्ड जिले के सभी थाना प्रभारियों की बैठक ली थी। जिसमें साफ निर्देश दिए थे कि पुलिस राजस्व अधिकारियों के साथ गांव-गांव में शिविर लगाकर जमीन संबंधी मामले आपसी समझौते से निबटाएं। आईजी जोगा ने कहा था कि जिस भी थाना प्रभारी के क्षेत्र मे जमीन को लेकर हत्या या हिंसा होती है तो थाना प्रभारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। इसके बाद भी हत्याओं का सिलसिला नहीं रुक पा रहा है।

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