शिवपुरी (मप्र)। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की नेता उमा भारती ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर पहली बार चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि यूपी में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दोष नहीं दिया जाना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद भी पार्टी ने राज्य में खराब प्रदर्शन किया था।
उमा भारती ने यहां एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों के लिए मोदी और योगी को दोषी ठहराना सही नहीं है। भाजपा छह दिसंबर 1992 को बाबरी ढांचा ढहाए जाने के बाद भी हार गई थी। इसके बावजूद हमने अयोध्या में राम मंदिर को अपने एजेंडे से नहीं हटाया। हमने अयोध्या को कभी वोट से नहीं जोड़ा। इसी तरह अब हम मथुरा-काशी (धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद) को वोट से नहीं जोड़ रहे हैं।’’ उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि हिंदू समुदाय की प्रकृति को समझने की जरूरत है जो सामाजिक व्यवस्था को धर्म से नहीं जोड़ता।
उमा भारती ने दावा किया, ‘‘यह इस्लामिक समाज है जो सामाजिक और धार्मिक व्यवस्था को जोड़कर काम करता है, इसलिए वे सामाजिक व्यवस्था के अनुसार वोट करते हैं।’’ भारती ने कहा कि उत्तर प्रदेश के नतीजों का मतलब यह नहीं है कि लोगों की भगवान राम के प्रति आस्था कम हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह अहंकार नहीं करना चाहिए कि हर राम भक्त भाजपा को वोट देगा। हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि जो हमें वोट नहीं देता, वह राम भक्त नहीं है। यह (चुनाव परिणाम) किसी लापरवाही का नतीजा है और कुछ नहीं।’’
उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ मिलकर केंद्र में गठबंधन सरकार चलाना मुश्किल नहीं होगा, क्योंकि अतीत में भाजपा ने उनके साथ सहयोगी के रूप में सफलतापूर्वक सरकारें चलाई हैं। इससे पहले दिन में भारती ने ग्वालियर से भोपाल जाते समय शिवपुरी में स्थानीय भाजपा नेताओं से मुलाकात की। भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीट में से केवल 33 सीट जीती थीं जबकि समाजवादी पार्टी ने राज्य में सर्वाधिक 37 सीट पर जीत हासिल की। भाजपा ने 2019 के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश में 62 सीट पर कब्जा किया था।