भोपाल। राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा समेत कांग्रेस भी अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है। ऐसे में मध्य प्रदेश की राज्यसभा सीट काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल ये राज्यसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हो गई है। अब इस खाली राज्यसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है। ऐसे में सवाल है कि भाजपा की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह कौन लेगा? कई दावेदारों के नाम सामने आने लगे हैं। दरअसल गुना लोकसभा सीट से पूर्व सांसद केपी यादव का टिकट काटकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को टिकट दिया गया था। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अशोक नगर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक सभा में पूर्व सांसद केपी यादव को दिल्ली ले जाने का संकेत दे चुके हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा केपी यादव को राज्यसभा का टिकट दे सकती है। ऐसे में सबसे पहली दावेदारी केपी यादव के नाम की है, लेकिन वे ओबीसी वर्ग से आते हैं।
वहीं इस सीट से पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम भी चर्चा में है। लोकसभा चुनाव के दौरान नरोत्तम मिश्रा ने जिस तरीके से न्यू ज्वॉइनिंग टोली के संयोजक बनकर कांग्रेस खेमे में जो तोड़फोड़ मचाई और बड़े पैमाने पर लाखों की संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कराया है। इसका इनाम नरोत्तम मिश्रा को मिल सकता है। पार्टी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है। लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसा माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें किसी सीट से चुनाव लड़ाकर संसद भेज सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब सबकी निगाहें राज्यसभा पर टिकी हुई हैं। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के अलावा राम मंदिर अभियान के प्रमुख नाम पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया और शिवराज सिंह चौहान के लिए विदिशा से सीट छोड़ने वाले पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव का नाम भी चर्चा में है। अगर सामान्य वर्ग का कार्ड नहीं चला, तो पूर्व सांसद केपी यादव के नाम पर विचार किया जाए सकता है।
जानकारों का कहना है कि इस सीट से भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व किसी बाहरी उम्मीदवार को भी नामांकित कर सकता है। पीएम मोदी के नए मंत्रिमंडल में पंजाब और केरल के दो ऐसे मंत्रियों ने भी शपथ ली है, जो किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। इनमें पंजाब के रवनीत सिंह बिट्टू और भाजपा के महासचिव और केरल के जॉर्ज कुरियन शामिल हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में कुरियन एकमात्र ईसाई सदस्य हैं। इन दोनों को छह महीने के भीतर सांसद चुने जाने की अनिवार्यता है। इसलिए इनमें किसी एक को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजे जाने की संभावना ज्यादा बन रही है। टीम मोदी का दूसरी बार हिस्सा बने तमिलनाडु के भाजपा नेता एल मुरुगन अभी राज्यसभा में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश के पांच राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 को समाप्त हुआ था। इसमें भाजपा के चार सांसद धर्मेंद्र प्रधान, डॉ. एल मुरुगन, अजय प्रताप सिंह और कैलाश सोनी थे, जबकि कांग्रेस के राजमणि पटेल राज्यसभा सांसद थे। तब भाजपा ने चार सीटों में से तीन पर ओबीसी से बंशीलाल गुर्जर, दलित समाज से उमेश नाथ महाराज और महिला कोटे से माया नारोलिया को उम्मीदवार बनाया और राज्यसभा में भेजा। डॉ मुरुगन को फिर से मध्यप्रदेश के कोटे से राज्यसभा में भेजा था। इस बार जातीय समीकरण के हिसाब से अब ठाकुर या ब्राह्मण को मौका दिया जा सकता है। मध्य प्रदेश में वर्तमान में विधानसभा में सदस्य संख्या के हिसाब से देखा जाए, तो खाली होने वाली राज्यसभा की सीट फिर भाजपा के खाते में जानी तय मानी जा रही है।