भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत को सांस्कृतिक रूप से एक बनाये रखने का श्रेय आदि गुरु शंकराचार्य को है। ओंकारेश्वर में उनकी विशाल प्रतिमा की स्थापना के लिये आदि गुरु एकात्म यात्रा आगामी 19 दिसम्बर से निकलेगी। बत्तीस दिन तक चलने वाली इस यात्रा में हर गांव से कलश में उस गांव की मिट्टी लायी जायेगी। यह मिट्टी प्रतिमा के आधार निर्माण में उपयोग की जायेगी। मुख्यमंत्री चौहान आज यहां आदि गुरु एकात्म यात्रा के संबंध में राज्य जन-अभियान परिषद के कार्यालय में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के तीर्थ स्थल ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य को गुरु मिले थे और यहीं पर उन्होंने नर्मदाष्टक की रचना की थी। यहीं से वे पूरे भारत को अद्वेतवाद का सिद्धांत बताने की विजयी यात्रा पर निकले थे। भारत को सांस्कृतिक रूप से एक रखने के लिये उन्होंने चार धामों की स्थापना की थी। उनके सिद्धांतों को जन-जन के बीच पहुंचाने का काम यह यात्रा करेगी। उनकी विशाल प्रतिमा ओंकारेश्वर में स्थापित की जायेगी तथा उनके व्यक्तित्व और जीवनदर्शन को प्रदर्शित करने वाली रचनाएं निर्माण की जायेगी। प्रतिमा निर्माण के लिये हर गांव सहयोगी बनेगा। चार अलग-अलग यात्राओं का नेतृत्व संतगण करेंगे। प्रतिमा निर्माण में गांव से लाये जाने वाले कलश की धातु का भी उपयोग किया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि यात्रा का रुट चार्ट तय कर दिया गया है। आज की बैठक में विस्तार से चर्चा कर यात्रा के स्वरूप को अंतिम रूप दिया गया। यह यात्रा आगामी 19 दिम्सबर से प्रारंभ होकर 22 जनवरी तक चलेगी। यात्रा के प्रभारी बना दिये गये हैं। बैठक में राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष शिव चौबे, जन-अभियान परिषद के उपाध्यक्ष राघवेन्द्र गौतम और प्रदीप पांडे तथा सभी जिला समन्वयक उपस्थित थे।

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