मध्य प्रदेश के सागर में दलित युवती के मौत मामले में सियासत बढ़ती जा रही है। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सरकार और प्रशासन को घेरते हुए कई सवाल उठाए हैं। कमलनाथ ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस हत्या में बीजेपी नेताओं की संलिप्तता भी सामने आई है। उन्होंने कहा, “अंजना अहिरवार द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत से खिन्न गुंडों ने युवती के भाई नितिन अहिरवार की पिछले साल अगस्त महीने में हत्या कर दी थी। हत्या में बीजेपी नेताओं की संलिप्तता सामने आई थी।

कमलनाथ ने कहा कि युवती के भाई की हत्या के बाद पीड़ित परिवार पर समझौते के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था, पीड़ित परिवार समझौते के लिए तैयार नहीं हुआ तो दो दिन पहले पीड़िता के चाचा राजेंद्र अहिरवार की भी हत्या कर दी गई। जब पीड़ित युवती के चाचा का पोस्टमार्टम कराकर शव को वापस ले जाया जा रहा था, तब रास्ते में पीड़िता अंजना अहिरवार संदिग्ध परिस्थितियों में एंबुलेंस से गिर गई और उसकी भी मौत हो गई।

मध्यप्रदेश के सागर जिले के ग्राम बरोदिया नोनागिर में दलित युवती अंजना अहिरवार द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत से खिन्न गुंडों ने युवती के भाई नितिन अहिरवार की पिछले वर्ष अगस्त माह में हत्या कर दी थी। हत्या में बीजेपी नेताओं की संलिप्तता सामने आई थी।

पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, “मैं यह सुनकर स्तब्ध हूं कि किस तरह 9 महीने के भीतर एक दलित बेटी की छेड़छाड़ की शिकायत पर पहले उसके भाई की हत्या, फिर उसके चाचा की हत्या और फिर संदिग्ध परिस्थितियों में उस बेटी की भी मौत हो गई।” उन्होंने कहा कि पीड़िता के भाई की हत्या के बाद प्रशासन ने पीड़िता को नौकरी और सुरक्षा समेत कई आश्वासन दिए थे, उनमें से कुछ भी पूरे नहीं किए गए। अंजना को नौकरी नहीं मिली, घर से सुरक्षा हटा दी गई, सीसीटीवी के केबल काट दिए गए। राजीनामा के लिए बार-बार दबाव बनाया गया। पीड़ित बेटी ने थाने में शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

इस पूरे मामले में पूर्व सीएम ने सूबे के मुख्यमंत्री मोहन यादव से सवाल करते हुए कहा कि क्या मुख्यमंत्री इस परिवार के बचे हुए सदस्यों का जीवित बचना सुनिश्चित करेंगे? कमलनाथ ने सवाल किया कि क्या मध्य प्रदेश में अब दलित होना गुनाह हो गया है? क्या एक पूरे दलित परिवार को खत्म करने वाले बीजेपी संरक्षित आरोपियों को सजा मिलेगी?