मुंबई: टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में भारत सरकार को सफलता मिलती दिखाई दे रही है. मलेशिया सरकार ने कहा है कि अगर भारत सरकार की तरफ से अनुरोध आता है तो वो इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक को भारत को सौंप देंगे. दरअसल, नाईक पर भारत में टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एनआईए ने चार्जशीट दायर की हुई है.

मलेशिया के अखबारों के मुताबिक, मलेशिया के उपप्रधानमंत्री अहमद जाहिद हमीदी ने वहां के निचले सदन में कहा कि अगर भारत सरकार जाकिर नाईक को प्रत्‍यर्पित करने की मांग तो वह उसे भारत को सौंप देंगे. उन्‍होंने कहा कि अभी तक भारत सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक अनुरोध नहीं मिला है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो मलेशिया सरकार नाइक को भारत को सौंप देगी.उन्होंने ये भी कहा कि अभी नाईक ने यहां का कोई भी क़ानून नहीं तोड़ा है इसलिए उसका पासपोर्ट रद्द नहीं किया जा सकता, जबकि भारत सरकार का कहना है कि इस मामले में एक चिट्ठी मलेशिया सरकार को भेजी जा चुकी है.

एनआईए सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही विदेश मंत्रालय के जरिए मलेशिया सरकार को प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक आग्रह भी भेजा जाएगा. 52 साल के जाकिर नाईक पर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की तरफ ले जाने के लिए भड़काऊ प्रवचन देने का आरोप है. इन्हीं आरोपों के चलते नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर भारत सरकार ने रोक लगा रखी है. नाईक उस वक़्त सुर्खियों में आए थे जब ढाका में हमला करने वाले आतंकियों ने कहा था कि वो उनसे प्रेरित हैं, जिसके बाद गिरफ्तारी के डर से वो भारत छोड़कर चले गए थे.

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