भोपाल। उस रात जो कुछ हुआ, उसे भूलकर अब मैं आगे बढ़ूंगी। घटना ने और मजबूत बना दिया है। अभी तक तो सिर्फ आईपीएस बनने के लिए कोचिंग ही कर रही थी, लेकिन अब आईपीएस बनकर दिखाऊंगी। किसी भी महिला के साथ अन्याय नहीं होने दूंगी। मेरी शिकायत न सुनने वाली महिला एसपी रेल एक महिला होकर भी मेरा दर्द नहीं समझ पाईं, ऐसी महिला अधिकारी की तो वर्दी उतार लेनी चाहिए। यह बातें शक्ति ने नवदुनिया से कहीं। उसका कहना है कि घटना के बाद उसे जो सहना पड़ा उसे कोई और नहीं समझ सकता। किसी पुलिस वाले ने मदद तक नहीं की।
माता-पिता पुलिस कर्मी फिर कार्रवाई के लिए उन्हें अपनों से ही लड़ना पड़ा
छात्रा का कहना है कि मेरे माता-पिता दोनों पुलिसकर्मी हैं, लेकिन वे बड़ी पोस्ट पर नहीं थे, शायद इसीलिए उन्हें भटकना पड़ा। उनको मेरी शिकायत पर कार्रवाई के लिए अपनों से ही लड़ना पड़ा। वह मेरे बुरे वक्त में मेरे साथ खड़े रहे, उन्होंने मेरा पूरा साथ दिया। वह नहीं होते तो मैं इतनी मजबूती के साथ खड़ी नहीं हो पाती है। अभी मेरी लड़ाई काफी लंबी है। मुझे बहुत लंबा सफर तय करना है।
जीआरपी थाने ने किया ज्यादा बुरा बर्ताव
घटना के बाद जीआरपी थाने का सबसे बुरा बर्ताव था। एमपीनगर और हबीबगंज पुलिस के पास चक्कर लगाने के बाद एफआईआर दर्ज करवाने के लिए जिस स्थिति से गुजरना पड़ा। उसके बारे में हमारा परिवार ही जानता है। जीआरपी की एसपी ने जिस तरीके से हमारे साथ बर्ताव किया, वह मैं ही जानती हूं।
एसपी ने उनकी मां से कहा था कि आपकी एफआईआर दर्ज नहीं हो रही थी, तो वह उनके पास पहले आ जाती। एमपीनगर और हबीबगंज पुलिस ने कैसा बर्ताव किया। इसके बारे में कोई बात नहीं करना चाहती हूं। आपको सिर्फ यह बता दूं, कि आरोपियों को मेरी मम्मी और पापा ने पकड़ा था। उसके बाद ही कार्रवाई नहीं हुई, पुलिस ने कुछ नहीं किया। ऐसी महिला से कैसी मदद की उम्मीद की जा सकती है। मुझे उस समय एक बात समझ नहीं आ रही थी कि पुलिस हमको इधर से उधर क्यों भटका रही है।
चौराहे पर फांसी पर लटका देना चाहिए
शक्ति ने आरोपियों के गिरफ्तार होने के बाद उनको चौराहे पर फांसी पर लटकाने की मांग की है। उसका कहना है कि आरोपियों को कोर्ट जल्द से जल्द सजा सुनाकर चौराहे पर लटका कर एक मिसाल पेश करे।