एमपी के दमोह जिले में कलेक्टर के एक आदेश के बाद खलबली मची हुई है और जिले के सरकारी कर्मचारियों के बीच इस आदेश को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। कलेक्टर साहब के इस आदेश से वैसे तो कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा है। फिर भी दफ्तरों में काम करने वाले लोग परेशान हैं। क्योंकि अब ये लोग जीन्स टी-शर्ट नही पहन सकेंगे। दमोह के कलेक्टर सुधीर कोचर ने एक फरमान जारी करते हुए कहा है कि जिले के सभी सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले अधिकारी कर्मचारी जीन्स और टी-शर्ट पहन कर नही आएंगे।
सूचना के बाद भी जो ऑफिस में जींस और टी-शर्ट पहनकर आएगा उसे अनुशासन हीनता के दायरे में रखा जाएगा और उस कर्मचारी पर प्रशासनिक कार्यवाही भी हो सकती है। कलेक्टर कोचर के मुताबिक, सरकारी ऑफिस सरकार के ऑफिस हैं और यहां काम करने वाले लोग सरकार के प्रतिनिधि हैं। इसलिए उनका रहन -सहन और ड्रेस कोड की भी एक गरिमा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा के नियमो में भी इसके बारे में बताया गया है। गरिमापूर्ण ड्रेस पहनने से आम जनता के बीच भी सरकारी कर्मचारी की बेहतर इमेज बनती है, जिससे आम लोग प्रभावित होते हैं।
अब दमोह जिले के सरकारी दफ्तरों में अधिकारी कर्मचारी फॉर्मल कपड़ों में मतलब पैंट-शर्ट पर नजर आयेगी और ये शर्ट पेंट भी भड़कीले रंगों वाले नही होंगे। इस आदेश के बाद जिले के हजारों सरकारी कर्मचारी ही प्रभावित होंगे। इस आदेश के बाद सिर्फ वही कर्मचारी प्रभावित होंगे जो कपड़ो के शौकीन हैं, खासतौर पर टिपटॉप रहते हुए जिन्हें जीन्स और टी-शर्ट पसंद है, उनके लिए जरूर मुसीबत बढ़ गई है।
कलेक्टर से इस निर्देश को लेकर कर्मचारियों की प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है, लेकिन इतना जरूर है कि गर्मी के इस मौसम में इस तरह का निर्देश परेशानी पैदा करने वाला जरूर है। बहरहाल, कलेक्टर के इस निर्देश को लेकर आमलोगों का कहना है कि कलेक्टर का यह आदेश सरकारी कर्मचारी और कार्यायलयों की छवि सुधारने में कारगर जरूर साबित होगा।
इस आदेश के लागू होने के बाद गर्मी के मौसम में कर्मचारी और अधिकारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा या उन्हें सहूलियत होगी। कलेक्टर का कहना था कि हम ऑफिस के दिन कार्य स्थल पर सदैव अपनी फॉर्मल ड्रेस ही पहनेंगे। जींस-टीशर्ट पहनकर नहीं आएंगे। उन्होंने कहा- मुझे पूरा विश्वास है कि अधिकारी और कर्मचारी इस मामले पर पूरा ध्यान देंगे। जब हम अपना पहनावा बदलेंगे तो उसका प्रभाव आम लोगों पर भी पड़ेगा। अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अनुरोध है कि इस अभियान में हमें सहयोग दें।