नई दिल्ली… फेसबुक संस्थापक मार्क जकरबर्ग एक बार फिर चीन की यात्रा पर हैं। इससे पहले मार्क मार्च 2016 में चीन की यात्रा पर गए थे। दुनिया का सबसे बड़ा इंटरनेट मार्केट चीन अबतक फेसबुक की पहुंच से दूर है। बता दें कि चीन में फेसबुक 2009 से बैन है। चीन में वापसी करने की कोशिशों में फेसबुक कई साल से है। चीन की सरकार से संपर्क साधने के लिए फेसबुक ने लिंक्डइन के एक पूर्व अधिकारी को भी लगाया हुआ है।
शनिवार को एक फेसबुक पोस्ट में मार्क जकरबर्ग ने बताया कि वह चीन में सिंगुआ स्कूल अडवाइजरी बोर्ड की मीटिंग में हिस्सा लेने गए हैं, जिसके वह 2014 से सदस्य हैं। मार्क ने चीन की भाषा मंदारिन भी अच्छे से सीख ली है। फेसबुक कई सालों से चीन में वापसी की कोशिशों में है। चीन में सर्विस शुरू करने पर जहां एक ओर उसे दुनिया के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश में यूजर्स बनाने का मौका मिलेगा वहीं, ऐडवर्टाइजर्स के जुड़ने से इन्वेस्टर्स को साधने का भी मौका मिलेगा।
अपने पिछले दौरे के दौरान मार्क ने चीन के प्रॉपेगैंडा मंत्री और अन्य नेताओं से मुलाकात की थी। अभी यह साफ नहीं है कि मार्क इस यात्रा में किसी सरकारी अधिकारी से मुलाकात करेंगे या नहीं। सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश चीन जहां एक ओर फेसबुक के नए मौकों की उम्मीद दिखाता है वहीं उसकी राह में चुनौतियां भी कम नहीं होंगी। ऑनलाइन सेंसरशिप में नाकाम रहने पर सरकार फेसबुक के स्वामित्व वाले वॉट्सऐप को हाल ही में बैन कर चुकी है।
न्यू यॉर्क टाइम्स ने पिछले साल अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि फेसबुक चीन में वापसी करने के लिए अपना खुद का सेंसरशिप टूल डिवेलप कर रहा है। जिससे कुछ इलाकों में कुछ पोस्ट्स अपने आप ही सेंसर हो जाएंगी।