जबलपुर: मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के निर्वाचन को 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी रहे सरदार सिंह मेढा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, उन्होंने एक याचिका दायर की थी, जिस पर इंदौर की हाईकोर्ट बेंच ने उमंग सिंघार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. दरअसल, याचिका जबलपुर उच्च न्यायालय में दाखिल की गई जहां से याचिका इंदौर हाईकोर्ट ट्रांसफर की गई थी.
सरदार सिंह मेढा की तरफ से जो याचिका दायर की गई है उसमें धनबल का प्रयोग का चुनाव को प्रभावित करने का हवाला दिया गया है. इस मामले में इंदौर हाईकोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार से 4 हफ्ते में कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया है. 4 हफ्ते बाद फिर से इंदौर हाई कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होगी. चुनाव प्रभावित करने का लगाया था आरोप सरदार सिंह मेढा की तरफ से जो याचिका दायर की गई है उसमें धनबल का प्रयोग का चुनाव को प्रभावित करने का हवाला दिया गया है. इस मामले में इंदौर हाईकोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार से 4 हफ्ते में कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया है. 4 हफ्ते बाद फिर से इंदौर हाई कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होगी.
बता दें कि उमंग सिंघार 2023 में धार जिले की गंधवानी विधानसभा सीट से लगातार चौथी बार विधायक चुने गए हैं, उन्होंने चुनाव में बीजेपी के सरदार सिंह मेढ़ा को 22 हजार 119 वोटों से चुनाव हराया था. जहां चुनाव के बाद मेढ़ा ने सिंघार के निर्वाचन को चुनौती दी थी, उन्होंने हाईकोर्ट में जो याचिका दायर की थी, उसमें याचिका में जानकारी छुपाने का आरोप लगाने के साथ-साथ प्रचार के दौरान वाहन से शराब मिलने का मामला भी दर्शाया था. जिसके बाद इस याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया था.
वहीं इस याचिका में उमंग सिंघार पर और भी जानकारियां छिपाने का आरोप लगाया गया था. याचिकाकर्ता ने याचिका में आरोप लगाया था कि उमंग सिंघार की दो पत्नियां हैं, लेकिन उन्होंने शपथ पत्र में इसकी जानकारी छुपाई है. उन्होंने पहली पत्नी के बारे में नामांकन फार्म में पूरी जानकारी दी थी, लेकिन दूसरी पत्नी के बारे में शपथ पत्र में पूरी जानकारी नहीं दी थी. इसके अलावा उन्होंने संपत्ति को लेकर भी पूरी जानकारी नहीं दी थी. बता दें कि उमंग सिंघार पहले भी पत्नियों के मामले को लेकर चर्चा में रहे हैं.