इंदौर । मप्र में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और गंधवानी विधायक उमंग सिंघार को इंदौर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। बीजेपी प्रत्याशी सरदार सिंह मेढ़ा ने सिंघार के निर्वाचन को चुनौती दी थी। उन्होंने याचिका में सिंघार पर जानकारी छिपाने और चुनाव जीतने के लिए करप्ट प्रैक्टिस करने का आरोप लगाया था।
सिंघार फिलहाल विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हैं। गंधवानी के विधायक के रूप में उनके निर्वाचन के खिलाफ भाजपा के पराजित उम्मीदवार सरदार सिंह मेड़ा ने उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में याचिका दायर की है।
न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला ने मेड़ा की याचिका पर सिंघार के साथ ही गंधवानी के निर्वाचन अधिकारी और दो अन्य पराजित उम्मीदवारों-धूम सिंह मंडलोई और सुमनबाई अनारे से चार हफ्तों में जवाब तलब किया।
बतौर कांग्रेस उम्मीदवार गंधवानी से चुनाव लड़ने वाले सिंघार ने अपने नजदीकी प्रतिद्वन्द्वी मेड़ा को 22,119 वोट से हराया था।
मेड़ा ने जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत उच्च न्यायालय में दायर याचिका में सिंघार पर ‘भ्रष्ट आचरण’’ का आरोप लगाते हुए विधायक के रूप में उनके चुनाव को अमान्य घोषित किए जाने की गुहार लगायी है।
मेड़ा के वकील निमेश पाठक ने संवाददाताओं को बताया कि इस याचिका में आरोप है कि सिंघार ने अपनी विभिन्न बेशकीमती संपत्तियों और खुद के खिलाफ लम्बित अलग-अलग आपराधिक मामलों का ब्योरा निर्वाचन अधिकारी के सामने पेश चुनावी हलफनामे में नहीं दिया।
उन्होंने बताया कि सिंघार के खिलाफ दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने परिचितों और घरेलू कर्मचारियों के नाम से देश के अलग-अलग स्थानों पर ‘‘बेनामी’’ संपत्तियां खरीदी हैं।
पाठक ने बताया कि इस याचिका में यह आरोप भी लगाया है कि सिंघार ने अपने जीवनकाल में तीन शादियां की हैं, लेकिन उन्होंने चुनावी हलफनामे में अपनी सभी पत्नियों के बारे में जानकारी नहीं दी है।