सतना। लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं। नवरात्रि के पहले दिन विंध्य क्षेत्र के कुछ बड़े नेताओं ने भी कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहकर बीजेपी का दामन थाम लिया। मुख्यमंत्री मोहन यादव सबसे पहले मैहर पहुंचकर मां शारदा का आशीर्वाद लिया और फिर कांग्रेसियों को बीजेपी की सदस्यता दिलाई है। इन नेता के दल बदल से सतना लोकसभा सीट पर सियासी समीकरण बदल सकते हैं। क्योंकि उनका शहर के साथ-साथ ब्राह्मण समाज में अच्छा प्रभाव माना जाता है। ऐसे में उनका कांग्रेस से इस्तीफा देना सतना सीट पर बड़ा मामला माना जा रहा है।

दरअसल, सतना लोकसभा सीट से 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी रहे और शहर के पूर्व महापौर राजाराम त्रिपाठी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री मोहन यादव और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई। राजाराम त्रिपाठी के साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। ऐसे में सतना लोकसभा सीट पर होने वाली वोटिंग से पहले यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

राजाराम त्रिपाठी को 2019 में कांग्रेस ने सतना लोकसभा सीट से टिकट दिया था। हालांकि, उन्हें भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार गणेश सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 2019 के लोकसभा चुनाव में राजाराम त्रिपाठी को सवा तीन लाख वोट मिले थे, लेकिन इस बार पार्टी ने सतना से विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को टिकट दिया है।

खास बात यह है कि इस बार टिकट वितरण के बाद से ही सतना लोकसभा सीट पर कांग्रेस में अंतर्कलह देखी जा रही है, अब तक कांग्रेस के कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। वहीं, राजाराम त्रिपाठी के अलावा नागौद ब्लाक कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सत्यनारायण पांडेय और मैहर ब्लॉक में कांग्रेस के कद्दावर नेता विष्णु दत्त पांडेय ने भी अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली है। सतना लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है, ऐसे में वोटिंग से पहले बड़े नेता का पार्टी छोड़ने से समीकरण बदल सकते हैं।

क्योंकि राजाराम त्रिपाठी ब्राह्मण वर्ग से आते हैं, सतना सीट पर ब्राह्मण समाज का अच्छा प्रभाव माना जाता है। बीजेपी और कांग्रेस ने इस बार पिछड़ा वर्ग से आने वाले नेताओं को ही टिकट दिया है। ऐसे में सतना में ब्राह्मण समाज फिलहाल अहम भूमिका में नजर आ रहा है। क्योंकि जिस तरह इस वर्ग का साथ जाता है, उसे फायदा मिल सकता है। ऐसे में बीजेपी यहां इस बार पूरा जोर लगाती नजर आ रही है।