ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के फूप में ट्यूबवेल के लिए खेत में बोरिंग करते समय मजदूर पहले से खुदे बोरवेल के 380 फीट गहरे गड्ढे में जा गिरा। गड्ढे में करीब 80 फीट की गहराई में जाकर मजदूर अटक गया। इस दौरान उसने साथियों से फावड़ा मांगा, जिससे गड्ढे में खड़े होने के लिए जगह बनाई। गड्ढे में ऑक्सीजन पहुंचाई गईं। रस्सा डाला गया, जिसे मजदूर ने खुद अपनी कमर पर बांधा। इसके बाद उसे ऊपर खींचा गया। गड्ढे में करीब 3 घंटे मौत से संघर्ष करने के बाद मजदूर को सकुशल बाहर निकल आया। उसे अब इलाज के लिए शासकीय जिला चिकित्सालय के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
भिण्ड जिले के फूप में रेलवे स्टेशन के पास किसान शंकर शर्मा ट्यूबवेल के लिए खेत में बोरिंग करा रहे थे। पहला बोर 380 फीट गहराई में बोरिंग मशीन का बरमा टूटने से फेल हो गया। इस बोर से करीब 20 फीट की दूरी पर दूसरा बोर शुरू किया। पहले बोर के गड्ढे का व्यास डेढ़ फीट था, लेकिन इसे खुला ही छोड़ दिया गया। कल दोपहर मजदूर रामशंकर विश्नोई 22 वर्ष निवासी बीकानेर राजस्थान मोबाइल पर बात करने के दौरान 380 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में जा गिरा। गड्ढे में गिरते ही उसने मदद के लिए साथियों को आवाज लगाई। कैलाश की आवाज सुनकर साथी भवानी सिंह, हरि सिंह, मनोहर सिंह और प्रताप सिंह गड्ढे के पास पहुंचे। कैलाश ने चीखकर बताया कि वो गड्ढे में गिर गया है। साथियों ने भिण्ड हाउसिंग कॉलोनी में ठेकेदार नरोत्तम शर्मा को फोन कर हादसे की जानकारी दी। ठेकेदार ने पुलिस को सूचना दी। 380 फीट गहरे गड्ढे में कैलाश करीब 80 फीट पर जाकर अटका हुआ था। उसने गड्ढे में खड़े होने के लिए जगह बनाने के लिए साथियों से फावड़ा मांगा। साथियों ने बोरवेल मशीन की लोहे की रस्से से फावड़ा बांधकर गड्ढे में डाला। कैलाश ने इससे खड़े होने के लिए जगह बनाई। हादसे की सूचना पर फूप थाने के एसआई मुनेंद्र भदौरिया और फूप बीएमओ डॉ. डीके शर्मा ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर मौके पर पहुंचे। डॉ. शर्मा ने करीब 80 फीट लंबी लेजम के जरिए गड्ढे में ऑक्सीजन पहुंचाई। शाम को कलेक्टर इलैया राजा टी और एसपी प्रशांत खरे फूप पहुंचे। सभी कैलाश को हिम्मत बंधाए रहे। कलेक्टर ने मौके पर रहकर रेस्क्यू आॅपरेशन का जायजा लिया।