दतिया । जनसम्पर्क एवं संसदीय कार्य विभाग मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्र ने बुधेड़ा में 18.7 करोड़ लागत की आठ किलोमीटर से अधिक लंबी नहर बनवाने की घोषणा करते हुए कहा कि किसानों को सिंचाई की सुविधा देने के लिए कृत संकल्पित है। हमारा भरसक प्रयास है कि एक भी गांव सिंचाई सुविधा से वंचित न रहे। 8.85 किलोमीटर की इस नहर से 1300 हैक्टेयर जमीन में सिंचाई होगी। इससे भवानीपुर, दतिया खास, झड़िया, रिछरा, कुम्हेड़ी, बुधेड़ा, सिरौल आदि ग्रामों को फायदा मिलेगा।
जनसम्पर्क मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्र ने आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आज जो काम करने में सक्षम हूं वह सब आपकी वजह से हूं। मेरे सामने जब आप लोगों ने सिंचाई की समस्या बताई तो मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर हाॅल में इन ग्रामों में भी सिंचाई की सुविधा कराई जाए। आज 18.7 करोड़ की लागत से यह नहर बनी है। शीघ्र ही कार्यवाही पूरी होते ही काम प्रारंभ कर दिया जायेगा। उन्हांेने ग्रामीणजन से कहा कि आपके किसी भी प्रकार के संकट का सामना करने के लिए हमेशा तत्पर रहता हूं। जब भी कोई दिक्कत हो मुझे फोन लगाये आपकी समस्या का समाधान होगा।
मुख्य अभियंता राजघाट नहर परियोजना अशोक कुमार मिश्रा ने रिछरा सिरौल लघु सिंचाई योजना की जानकारी देते हुए बताया कि योजना पर 18 करोड़ 7 लाख 27 हजार रूपये की लागत आयेगी। इससे 1300 हैक्टेयर क्षेत्र जो कि सात मौजों में है, सिंचाई होगी। नहर कल्याणपुरा शाखा नहर की आरडी 660 मीटर भवानीपुर ग्राम के पास से निकलेंगे। इसकी लम्बाई 8 हजार 850 मीटर यानी 9 किलोमीटर के आसपास होगी। नहर की घोषणा होते ही उपस्थित किसानों में हर्ष की लहर दौड़ गई। उन्होंने जोरदार ताॅलिया बजाकर खुशी व्यक्त की। कार्यक्रम के दौरान विपिन गोस्वामी ने दतिया में हुए विकास कार्यों का उल्लेख किया। बहादुर सिंह दांगी सिरौल ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए इस कार्य के लिए जनसम्पर्क मंत्री को धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर जीतू कमरिया, सतीश यादव, मुकेश यादव, योगेश सक्सैना, पुष्पेन्द्र रावत, अजय दुबे, गौरव पटैल, ईई बाथम, सहायक यंत्री यूके शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि व ग्रामीणजन उपस्थित थे।

किसानों की पीड़ा सुन द्रवित हुए मंत्री
सात गांव के किसानों ने जल संसाधन मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्र से उनके खेतों में नहर का पानी न पहुंचने की पीड़ा बताई तो जल संसाधन मंत्री किसानों की पीड़ा सुन द्रवित हो गए और उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों की समस्या का समाधान किया जाए। इन गांव के लिए असंभव कार्य को संभव बनाने के लिए जमीन से करीब 30 फुट ऊपर हवा में नहर बनाने का डिज्ञाइन तैयार किया गया अब जो नहर बनेगी वह 2680 मीटर लंबी नहर एक्वाडक्ट के रूप में जमीन से औसतन 8.75 मीटर करीब 30 फुट ऊपर बनाई जायेगी।

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