ग्वालियर। मां कनकेश्वरी देवी का कहना है कि ग्वालियर धर्मप्रेमियों की नगरी है। यहां पर एक साल में 5-7 कथायें होती हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के द्वारा राजनीति और सत्संग, दोनों को अलग रखा जाता है जो मेरे लिए निजी प्रसन्नता का विषय है। उन्होंने सत्संग के महत्व को बताते हुए कहा कि जब श्रीराम कथा और संतों का आगमन होता है, तब अनेक संतों का आगमन हो जाता है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की कथा व्यक्ति को आंतरिक नियंत्रण की शक्ति प्रदान करती है, जो व्यक्ति अपने आप पर नियंत्रण कर लेता है, वह जहां कहीं भी जायेगा उसका नियंत्रण हो जायेगा। व्यक्ति का वृत्ति, वाणी और क्रिया पर नियंत्रण होना जरुरी है। जीवन की सार्थकता के लिए श्रीराम कथा का श्रवण और पालन आवश्यक है।
मां कनकेश्वरी देवी ने कहा कि व्यक्तित्व के निर्माण के लिए रावणी वृत्तियों का विनाश करने के लिए सत्संग अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि ईश्वरीय वृत्तियों का विकास करें। क्रिया, उद्देश्य और चित्त श्रेष्ठ होना चाहिए। श्रीराम कथा आत्मा का आहार है। भगवान और संतों को किसी प्रचार की जरूरत नहीं है। किंतु धर्म के प्रचार की जरूरत है। धर्म से बड़ा कोई परोपकार नहीं होता। उन्होंने बालकांड के बारे में भी बताया। उन्होंने सत्संग की शुरुआत गुरुवंदना से की।
प्रारंभ में कथा की आरती केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, नगरीय विकास मंत्री माया सिंह, महापौर विवेक शेजलकर, कमिश्नर एसएन रुपला (सपत्नीक), साडा अध्यक्ष राकेश जादौन, भाजपा अध्यक्षद्धय देवेश शर्मा, वीरेन्द्र जैन, विधायकगण नरेन्द्र सिंह कुशवाह, भारत सिंह कुशवाह, घनश्याम पिरोनिया, पूर्व मंत्री मुंशीलाल, पूर्व विधायकद्वय रणवीर सिंह रावत, राकेश शुक्ल आदि ने उतारी।

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