इस्लामाबाद… पाकिस्तान की सेना ने गुरुवार को यह माना है कि उसकी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के आतंकवादियों से लिंक्स हैं। हालांकि, सेना ने आगे कहा कि इसका मतलब यह नहीं कि ISI आतंकवादी संगठनों का समर्थन करती है। सेना ने यह भी कहा कि प्रतिबंधित जमात-उद दावा की राजनीतिक पार्टी मिली मुस्लिम लीग चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह आजाद है।

मिली मुस्लिम लीग को मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के जमात उद दावा का समर्थन मिला है। इस पार्टी को पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने कुछ महीने पहले राजनीतिक पार्टी का दर्जा देने से इनकार कर दिया था और उप चुनाव लड़ने की भी मंजूरी नहीं दी थी।

ISI और आतंकियों के कनेक्शन पर अमेरिकी दावों को लेकर एक सवाल के जवाब में इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा, ‘समर्थन करने और लिंक्स होने में फर्क है। एक भी ऐसी खुफिया एजेंसी का नाम बताइए जिसके लिंक्स न हो। ये लिंक्स सकारात्मक भी हो सकते हैं, और यूएस के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने ऐसा नहीं कहा कि ISI आतंकियों का समर्थन करता है।’

मैटिस ने मंगलवार को कहा था कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान में काम करने को लेकर एक बार और बात करेगा। इससे पहले कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप इस्लामाबाद के आतंकियों के समर्थन को लेकर किसी विकल्प की तलाश करें। मैटिस के इस बयान के बाद से ही पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई थी।

रावलपिंडी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, गफूर ने कहा, ‘पाकिस्तान की पूर्वी सीमा भारत की अनुचित कार्रवाई की वजह से असुरक्षित है। इस सीजफायर उल्लंघन की वजह से 222 पाकिस्तानी नागरिकों की जान गई है जो कि पिछले साल से भी ज्यादा है।’

गफूर ने यह भी कहा, ‘इन सीजफायर उल्लंघनों पर पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई से भारत को भी कीमत चुकानी पड़ी है और अगर भारत रुकता नहीं है तो ऐसा ही जारी रहेगा।’ गफूर ने कहा, ‘हम एक शांतिप्रिय देश हैं और उनके साथ युद्ध नहीं चाहते, लेकिन हम अपनी रक्षा करेंगे और हमारी क्षमता भी है। युद्ध कोई समाधान नहीं है, इसलिए हम उनसे हर स्तर पर बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सब रुके।’

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