दतिया । जनसम्पर्क मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा है आज भारत में ही नहीं विश्व में हिन्दी बोलने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। हब सबका समन्वित प्रयास हो कि राष्ट्रभाषा हिन्दी को बढ़ावा दिया जाये। यह विचार उन्होंने आज हिन्दी महोत्सव कार्यक्रम में साहित्यकारों को पुरस्कृत करने के उपरांत व्यक्त किए। कार्यक्रम का आयोजन जगत शर्मा एवं भानू शर्मा द्वारा किया गया।
जनसम्पर्क मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि हमें गर्व होना चाहिए कि हम हिन्दी भाषी है। हिन्दी समृद्ध भाषा है। इसे बढ़ावा देने हेतु केन्द्र और मध्यप्रदेश की सरकार निरंतर प्रयत्नशील है। इस प्रकार के आयोजनों से निश्चित ही हिन्दी भाषा के प्रति लोगों में अभिरूचि बढ़ेगी और जागरूकता आयेगी। पाठ्य पुस्तक निगम के उपाध्यक्ष अवधेश नायक ने कहा कि वर्तमान में 78 प्रतिशत लोग हिन्दी बोलते है 168 देशों में हिन्दी का प्रयोग होता है। फीजी जैसे देशों में हिन्दी दूसरी राष्ट्र भाषा है। उन्होंने कहा कि संसद में प्रतिपक्ष के नेता दक्षिण भारतीय होते हुए भी हिन्दी में बहस करते है। 93 वर्षीय संत अच्युदानंद हिन्दी सीख रहे है। उन्होंने कहा कि हमें अंग्रेजी के प्रति अपनी मानसिकता बदलना होगी तभी हिन्दी के साथ न्याय कर पायेंगे। उन्होंने राम चरित्र मानस द्वारा हिन्दी के प्रचार-प्रसार का उल्लेख किया। इस दौरान अखिल भारतीय साहित्य परिषद संकल्प समारोह में ओमप्रकाश श्रीवास्तव, जगत शर्मा, राजेश लिटौरिया, राशिद अली आदि मंचासीन रहे।
इन्हें दिया गया पुरस्कार
लार्ड कृष्णा स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में जनसम्पर्क मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्र द्वारा शिक्षाविद् राजेश लिटौरिया को विशेष रूप से भाषण भूषण सम्मान दिया गया। इसके अलावा हिन्दी सेवी सम्मान से जिन्हें सम्मानित किया उनमें रामहजूर दांगी, नीरज नयन शास्त्री, डाॅ. आलोक सोनी, ओमकार सोनी, मीनाक्षी कटारे, कल्पना उदैनिया, मीना श्रीवास्तव, वर्षा रावत, जितेश खरे, आशुतोष मिश्रा, अनुभव राय, कपिल मुड़िया, आलोक जौहरी, विकास चतुर्वेदी, शिशिर दुबे, संतोष उपाध्याय, विवेक सिरौठिया, अजय शर्मा, पूरनचंद्र शर्मा, किशन झा, सोनू गतवार, पवन चतुर्वेदी सहित अन्य के नाम शामिल हैं। सुमित रावत ने आभार व्यक्त किया।