बेंगलुरु। कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने मंगलवार को राज्य में बढ़ते कोविड-19 के सब-वेरिएंट जेएन1 के मामलों को लेकर बयान दिया है। उन्होंने लोगों से कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इसके अलावा मंत्री ने लोगों से वायरस के प्रसार से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाने का आग्रह किया है।
मंत्री ने बेंगलुरु में विकास सौधा में चिकित्सा शिक्षा विभाग के दायरे में आने वाले चिकित्सा संस्थानों, अस्पतालों के प्रमुखों के साथ-साथ कोविड-19 तकनीकी सलाहकार समिति के प्रमुख और उसके सदस्यों के साथ एक बैठक की।
मंत्री ने हाल ही में राज्य में 10 मरीजों की मौत पर कहा कि इसका कारण कोविड नहीं है, मरने वाले मरीज विभिन्न बीमारियों से पीड़ित थे। 10 में से 9 लोग हृदय, किडनी और अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। मंगलुरु का एक व्यक्ति शराबी था और उसने वैक्सीन की डोज नहीं ली थी।
शरण प्रकाश पाटिल ने भी मौजूदा स्थिति की समीक्षा की और राज्य में कोविड-19 से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। शरण प्रकाश पाटिल ने बैठक के बाद मीडिया कर्मियों से बात करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और विशेषज्ञों के बयानों का हवाला देकर जेएन1 के प्रभाव को कम कर दिया।
उन्होंने कहा कि भले ही डब्ल्यूएचओ और कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि जेएन1 सब-वेरिएंट से संक्रमित लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होने की संभावना नहीं है। लेकिन मैंने अधिकारियों को सतर्क रहने, एहतियाती कदम उठाने और लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने का आदेश दिया है।
राज्य को केंद्र सरकार से 30,000 कोविड वैक्सीन मिली हैं। हमने इसकी कमी को रोकने के लिए सभी कदम उठाए हैं। कोविड वैक्सीनेशन (टीकाकरण) पर एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्री पाटिल ने कहा, ”नए वैक्सीन की डोज पर केंद्र सरकार की ओर से कोई विशेष निर्देश नहीं था।”
मंत्री ने कहा, “हम वैक्सीन की वही डोज देंगे जो महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान दी गई थी। वहीं 60 साल से ऊपर के लोग और गंभीर बीमारी वाले मरीज बुधवार से जिला अस्पतालों में टीका लगवा सकते हैं।”
विशेषज्ञों ने राय दी है कि जेएन1 सब-वेरिएंट के तेजी से फैलने की संभावना है। लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होने की संभावना नहीं है। इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हम मास्क अनिवार्य करने का आदेश जारी नहीं करेंगे, लेकिन लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सावधान रहने की जरूरत है।