भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में बढ़ती हुई वृद्धि और नगरीय प्रसार के मद्देनजर विश्लेषण कर उसके अनुसार भविष्य के लिये योजना बनाये। नये बनने वाली जल योजनाओं और वर्तमान में संचालित जल योजनाओं के बेहतर उपयोग की पुख्ता व्यवस्था करें। पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल निगम और नगरीय विकास एवं आवास विभाग परस्पर समन्वय से कार्ययोजना बनाकर बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। जल के बढ़ते उपयोग से कस्बों और गाँवों में निकलने वाले अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग के लिए प्राथमिकता से कार्य करें।
उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अपशिष्ट जल से गंदगी न फैले और बीमारियों की स्थिति निर्मित न हो। इसके लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगरीय विकास एवं आवास तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग समन्वित रूप से कार्य करें। नल-जल योजनाओं के कार्य और सामग्री की गुणवत्ता की जाँच के लिये जिला स्तर पर निरंतर कार्रवाई हो तथा उसकी जानकारी राज्य स्तर पर भी दी जाए। स्थानीय स्तर पर स्वयं के प्रयास से लोगों को पेयजल प्रदाय उपलब्ध कराने वाले समाजसेवी व्यक्तियों और संस्थाओं को 15 अगस्त व 26 जनवरी पर सम्मानित किया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सम्पतिया उईके, मुख्य सचिव वीरा राणा तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभाग की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश दिए।
गाँवों के समूह बनाकर जल प्रदाय व्यवस्था और उनका रखरखाव सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्रामों में जल जीवन मिशन की गतिविधियों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए गाँवों के समूह बनाकर जल प्रदाय व्यवस्था का संचालन एवं संधारण सुनिश्चित किया जाए। इस कार्य में दक्ष तथा अनुभवी व्यक्तियों को जोड़ा जाए। यह गतिविधि पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में तत्काल आरंभ की जाए। उन्होंने कहा कि इंदौर-उज्जैन, सतना-रीवा जैसे प्रदेश के कई ऐसे शहर जो पास-पास हैं और आपस में मिलते जा रहे हैं, ऐसे शहरों की पेयजल आपूर्ति तथा अन्य अधोसंरचनाओं की विकास योजना भविष्य की जरूरतों को देखते हुए ही बनाई जाए। पेयजल प्रदाय से जुड़ी सिंचाई परियोजनाओं के कार्यों को तेजी से पूरी कराये।
ग्रामीण क्षेत्र में विकसित हो रही टाउनशिप की जलापूर्ति की उचित व्यवस्था हो
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नगरीय क्षेत्र की सीमाएं लगातार बढ़ रही हैं। परिणामस्वरूप गाँवों और पंचायतों में बड़ी टाउनशिप विकसित हो रही हैं। इन टाउनशिप में पेयजल आपूर्ति मैदानी परिस्थितियों को देखते हुए की जाए। ऐसे स्थानों को चिन्हित कर तत्काल कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
एक करोड़ 12 लाख परिवारों को ‘नल से जल’ उपलब्ध कराया जाएगा
बैठक में बताया गया कि ग्रामीण जनसमुदाय के जीवन स्तर में सुधार के लिए निर्धारित गुणवत्ता-पर्याप्त मात्रा और उचित दबाव के साथ पेयजल आपूर्ति के दृष्टिकोण के साथ जल जीवन मिशन की गतिविधियां प्रदेश में संचालित हैं। प्रदेश के सभी गाँवों की योजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं और एक करोड़ 12 लाख परिवारों को ‘नल से जल’ उपलब्ध कराया जाएगा। जल गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर पर 51 और उपखंड स्तर पर 103 प्रमाणीकृत प्रयोगशालाएं स्थापित हैं। सामग्री और कार्यों की गुणवत्ता सुधार के लिए शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के विशेषज्ञों से भी सहयोग लिया जा रहा है।
प्रदेश की अनीता चौधरी हुई हैं “स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान” से सम्मानित
बैठक में बताया गया कि भारत सरकार द्वारा बुरहानपुर को देश एवं प्रदेश का पहला “हर घर जल प्रमाणित” जिला घोषित किया गया है। साथ ही राष्ट्रपति महोदया द्वारा छिंदवाड़ा जिले के ग्राम गढ़मऊ की अनीता चौधरी को “स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान” से सम्मानित किया गया। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त अजीत केसरी, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संजय शुक्ला तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।