नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 20 सीटों पर वोटिंग मंगलवार को हुई, जो शाम पांच बजे संपन्न हो गई है. राज्य में 70.87 फीसदी मतदान हुआ. इस बीच राज्य में कई जगह छिटपुट घटनाएं भी देखने को मिली हैं. सुकमा जिले में नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट किया, जिसमें सीआरपीएफ का एक कमांडो घायल हो गया. वहीं, सुकमा जिले के बांडा मतदान केंद्र के पास नक्सलियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हल्की गोलीबारी हुई.

नारायणपुर जिले के ओरछा थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच एक और मुठभेड़ हुई. पुलिस का कहना है कि इन दोनों घटनाओं में सुरक्षाकर्मियों को कोई नुकसान नहीं हुआ. पहले चरण में जिन 20 सीटों पर चुनाव हुआ है उनमें से 10 पर सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और दोपहर तीन बजे संपन्न हो गया. बाकी 10 सीटों पर वोटिंग सुबह 8 बजे शुरू हुई और शाम 5 बजे खत्म हुई.

पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान हुआ. नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग की सीटों पर कड़ी निगरानी रखी गई. राज्य कांग्रेस प्रमुख और बस्तर सांसद दीपक बैज (चित्रकोट सीट), कवासी लखमा (कोंटा), मोहन मरकाम (कोंडागांव), मौजूदा कांग्रेस विधायक चंदन कश्यप (नारायणपुर) और सावित्री मंडावी (भानुप्रतापपुर) ने अपनी-अपनी सीटों पर वोट डाले. बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व मंत्री केदार कश्यप (नारायणपुर), महेश गागड़ा (बीजापुर), विक्रम उसेंडी (अंतागढ़) और लता उसेंडी (कोंडागांव) ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव से कांग्रेस के छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. 2018 में नक्सलवाद छोड़कर पुलिस बल में शामिल हुईं महिला कांस्टेबल सुमित्रा साहू ने नारायणपुर निर्वाचन क्षेत्र में मतदान किया. 34 वर्षीय कांस्टेबल ने बताया कि वह नारायणपुर में माओवादियों की आमदई क्षेत्र समिति में कमांडर के रूप में सक्रिय थीं और दिसंबर 2018 में उसने गैरकानूनी संगठन छोड़ दिया था.

पहले चरण में राज्य की कुल 90 विधानसभा सीटों में से 20 सीटों पर 25 महिलाओं सहित 223 उम्मीदवार मैदान में हैं. वोटर लिस्ट के अनुसार, इन सीटों पर 40,78,681 मतदाता हैं. पहले चरण के मतदान के अंतर्गत आने वाली सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है. महिला मतदाताओं की संख्या 20,84,675 है, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 19,93,937 है. 69 थर्ड जेंडर मतदाता भी हैं. राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी के बीच मुकाबला है.

पहले चरण के लिए 5,304 चुनाव बूथ बनाए गए थे और 25,249 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया. मोहला-मानपुर (दुर्ग संभाग), अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा (सभी बस्तर संभाग में) में मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और दोपहर 3 बजे तक जारी रहा. ये सीटें नक्सली इलाके की हैं. वहीं, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट, पंडरिया और कवर्धा में मतदान सुबह 8 बजे शुरू हुआ और शाम 5 बजे तक जारी रहा.

पुलिस का कहना है कि 12 विधानसभा क्षेत्रों वाले बस्तर संभाग में मतदान के लिए लगभग 60,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे, जिनमें 40,000 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के और 20,000 राज्य पुलिस जवान शामिल हैं. पहले चरण के मतदान के लिए लगभग 1 लाख सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए. सुरक्षा कारणों से बस्तर संभाग के पांच विधानसभा क्षेत्रों के 149 मतदान केंद्रों को नजदीकी पुलिस स्टेशन और सुरक्षा शिविरों में शिफ्ट किया गया. 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए दूसरे और अंतिम चरण में शेष 70 सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होगा.