भारत सरकार ने म्यांमार से भागकर बांग्लादेश आए रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद के हाथ आगे बढ़ाया है। ऑपरेशन इंसानियत के तहत भारत ने मानवता के आधार पर चावल, चीनी, दाल, नमक, खाने का तेल, चाय, नूडल्स, बिस्किट और मच्छरदानी जैसी जरुरी चीजों की पहली मुहैया कराने का भरोसा दिया, जिसकी पहली खेप भारतीय वायुसेना के विमान से चिटगांव एयरपोर्ट पर गुरुवार को सुबह 11 बजे पहुंचायी गयी।
बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त हर्षवर्धन श्रृंगला राहत सामाग्री बांग्लादेश के सडक़ परिवहन मंत्री ओबैदुल कादिर को सौंपेंगे। भारत की ओर से आगे भी जरुरी चीजों की मदद बांग्लादेश को पहुंचायी जाएगी।
भारत और बंगलादेश की दोस्ती और आपसी संबंधों की वजह से भारत ने बांग्लादेश के किसी भी संकट के लिए तुरंत और तेजी से प्रतिक्रिया दी है। भारत की ओर से कहा गया कि वो बांग्लादेश सरकार की आवश्यकता पड़ने पर हर एक मदद के लिए तैयार हैं।
बता दें कि म्यांमार से लगातार बांग्लादेश आ रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद को लेकर विश्व के अन्य देशों से सहयोग की मांग की थी।
दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायुक्त सैयद मुअज्जम अली ने बीते सप्ताह भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर से मुलाकात की थी। इस दौरान रोहिंग्या संकट पर दोनों अधिकारियों के बीच चर्चा हुई थी। म्यांमार के रखाइन में हिसा भडकने के बाद वहां से बांग्लादेश भागे रोहिंग्या लोगों की संख्या 25 अगस्त से लेकर अब तक 379,000 हो गई है। जिसकी मदद के लिए भारत ने बांग्लादेश की तरफ हाथ बढ़ाया है।
संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि पिछले महीने हुई हिंसा के बाद 370,000 रोहिंग्या बांग्लादेश भाग गए।