ग्वालियर । सीसीटीवी फुटेज में पांच आरोपियों को देखा गया था जिनमें दो आरोपियों के चेहरे खुले हुए थे। इनमें दो ईनामी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जबकि दो आरोपी से हत्याकांड में पीछे से सहयोग कर रहे थे उन्हें भी दबोचा गया है।
फिलहाल पांच हजार रुपए के इनामी इंदौर के भविष्य निधि संगठन के आयुक्त मुकेश रावत फरार हैं।गौरतलब है कि 9 अक्टूबर की सुबह शहर के जाने माने अधिवक्ता प्रशांत शर्मा के कार्यालय के नजदीक बन्हेरी गांव के सरपंच विक्रम सिंह रावत की गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी ।
जैसे ही वह कार से उतरे वैसे ही उनका पीछा कर रहे बाइक सवार पांच बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। इस वारदात के बाद मृतक सरपंच के गांव में तनाव फैल गया था।
हत्याकांड का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था जिसमें हमलावर दिखाई दे रहे थे इसी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों तक पुलिस पहुंच सकी है
पुलिस बदमाशों की धर पकड़ के लिए लगातार दबिश दे रही थी। पुलिस को इनपुट मिला था कि बदमाश सरपंच हत्याकांड को अंजाम देकर राजस्थान की तरफ भागे हैं।
इसके बाद पुलिस ने जयपुर और प्रसिद्ध तीर्थ स्थल खाटू श्याम में बदमाशों की तलाश में होटलों और लॉज आदि की छानबीन की और कई ठिकानों पर दबिश दी।
बदमाश खाटू श्याम के दरबार में दर्शन करने के बाद वापस ग्वालियर लौट आए थे। क्राइम ब्रांच को मुखबिर के जरिए इनपुट मिला कि ,सरपंच के हत्यारे ग्वालियर के तिघरा के जंगलों में छिपे हुए हैं।
क्राइम ब्रांच की टीम ने जंगल में सर्च अभियान चलाकर बदमाशों को दबोच लिया। पुलिस ने बदमाशों के कब्जे से तीन देसी कट्टे 20 जिंदा राउंड बरामद किए हैं।
पुलिस गिरफ्तार हुए बदमाशों से पूछताछ में जुटी हुई है फिलहाल प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि मृतक सरपंच और हमलावरों के परिवार के बीच पुरानी रंजिश चली आ रही है।
इस रंजिश में 2 साल पहले बन्हेरी गांव में पहले भी सरपंच और हमलावरों के परिवार के बीच खूनी संघर्ष हुआ था इस घटनाक्रम में उसे दौरान मृतक सरपंच के चचेरे भाई रामनिवास रावत की हत्या हो गई थी।
इस केस में हमलावर परिवार के लोग जेल में हैं, मृतक सरपंच जेल में बंद हमलावरों के परिजनों की जमानत नहीं होने दे रहा था। इस कारण दुश्मनी पाले बैठे गांव के ही दूसरे पक्ष के लोगों ने सरपंच को मौत के घाट उतारने की प्लानिंग कर ली थी।
सरपंच को मौत के घाट उतारने के लिए हमलावर कई दिनों से प्लानिंग कर रहे थे। इसके लिए लगातार में सरपंच की रेकी कर रहे थे। उन्हें पता लगा था कि सरपंच रोजाना अपनी कार से घर से जिम जाता है।
9 तारीख को भी सरपंच जिम जाने के लिए निकला था लेकिन उसके भाई के हत्याकांड के मामले में न्यायालय में सुनवाई होनी थी। जेल में बंद हमलावरों की जमानत याचिका पर भी कोर्ट में सुनवाई होनी थी।
ऐसे में 9 तारीख की सुबह जिम से सीधे सरपंच अपने वकील के घर पड़ाव थाना क्षेत्र के कांति नगर इलाके में पहुंचा और पहले से घात लगाए बैठे बाइक सवार होकर आए बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर सरपंच को मौत की नींद सुला दिया।
बदमाश तब तक फायरिंग करते रहे जब तक सरपंच में कोई हरकत नहीं बची थी। पुलिस ने इस केस में इंदौर के पीएफ कमिश्नर मुकेश रावत को भी आरोपी बनाया है। उनके ऊपर भी 5000 का इनाम घोषित किया गया है लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है
पुलिस का कहना है कि इस केस में अभी कुछ और गिरफ्तारियां होनी है। जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
दूसरी तरफ पुलिस ने मृतक सरपंच के परिजनों पर भी एफआईआर दर्ज की है, सरपंच की हत्या के बाद सरपंच के परिजनों और रिश्तेदारों ने आरोपियों के घरों में आग लगा दी थी और गांव में तोड़फोड़ भी की थी।
पुलिस ने इस घटना पर मृतक सरपंच के परिजनों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज कर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की है हालांकि अभी सनसनी खेज सरपंच हत्याकांड में अभी कुछ और गिरफ्तारियां होनी है और हत्याकांड से जुड़े कई राज खुलने बाकी हैं।