जबलपुर । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे और चार्जशीट पर एक हफ्ते में निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। इस्तीफा मंजूर नहीं होने पर निशा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दायर याचिका में उन्होंने कहा है कि नियमानुसार एक महीने में इस्तीफा मंजूर कर लिया जाना चाहिए, लेकिन शासन ने अब तक नहीं किया। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
निशा की ओर से पैरवी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा के जूनियर वकील ब्रायन डिसिल्वा ने की। तन्खा ने कहा, ‘सरकार जानबूझकर मामले में लेटलतीफी कर रही है। चुनाव आचार संहिता जारी है। सरकार न्यूट्रल हो चुकी है। अब चीफ सेक्रेटरी का शासन है। चीफ सेक्रेटरी को क्या इंट्रेस्ट है कि निशा का इस्तीफा मंजूर नहीं हो। साफ है कि चीफ सेक्रेटरी शिवराज और बीजेपी की ओर से गेम खेल रहे हैं।’
तन्खा ने कहा, ‘अगर दो दिन के अंदर इस्तीफे पर फैसला नहीं लिया गया तो सोमवार को निर्वाचन आयोग में शिकायत की जाएगी कि चीफ सेक्रेटरी पॉलिटिकल हो गए हैं। मैं उनसे यही कहना चाहता हूं कि मिस्टर चीफ सेक्रेटरी यू आर इन ट्रबल।’
गुरुवार को केस की सुनवाई चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और विशाल मिश्रा की डिविजन बेंच में हुई। अगली सुनवाई अगले हफ्ते होगी। हाईकोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को भी तलब किया था।