शिवपुरी । मध्य प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने हाल ही में यह घोषणा कि वह शिवपुरी से आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। इस बात से यह अटकलें तेज हो गयी हैं कि क्या यह सीट उनके भतीजे और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए खाली की जा रही है। वहीं, यशोधरा राजे ने कहा कि पहले ही तय कर लिया था कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी।

गुरुवार को शिवपुरी में एक सभा को संबोधित करते हुए यशोधरा ने कहा, ‘मैंने पहले ही तय कर लिया था कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी। मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं। एक तरह से ये मेरी अलविदा है। मैंने सदैव अपनी मां राजमाता विजयाराजे सिंधिया के पदचिन्हों पर चलने का प्रयास किया है। उन्हीं की प्रेरणा से मैंने यह निर्णय लिया। आज मैं आप सभी से विनती करती हूं कि आप सभी इस फैसले में मेरा साथ देंगे।”

नई पीढ़ी को आगे आना चाहिए- यशोधरा राजे सिंधिया
यशोधरा सिंधिया ने आगे कहा कि समय बीत चुका है और नई पीढ़ी को आगे आना चाहिए। यह कदम उस पत्र के बाद उठाया गया है जो उन्होंने अगस्त में भाजपा के शीर्ष नेताओं को इस साल के अंत में होने वाले चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले के बारे में लिखा था। वहीं, प्रदेश भाजपा प्रमुख वीडी शर्मा ने कहा है कि यशोधरा स्वास्थ्य कारणों से कदम पीछे खींच रही हैं।

भाजपा में अटकलों का बाजार गर्म
वहीं, भाजपा के अंदरूनी सूत्र शिवपुरी निर्वाचन क्षेत्र के लिए पार्टी की योजनाओं का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के हलकों में अटकलों का बाजार गर्म है। खासकर मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ सत्ता-विरोधी लहर से निपटने के लिए केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में लाने की पार्टी की रणनीति के कारण। ऐसी संभावना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी यशोधरा के निर्वाचन क्षेत्र या पड़ोसी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा जा सकता है। प्रदेश नेतृत्व अगली सूची का इंतजार कर रहा है, तभी मामला साफ हो जाएगा। मध्य प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कुछ भी संभव है।

ज्योतिरादित्य ने अब तक किसी विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ा है, उन्होंने 2002 में अपने पिता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया की मृत्यु के बाद गुना लोकसभा उपचुनाव जीतकर अपनी राजनीतिक शुरुआत की थी। ज्योतिरादित्य ने 2002 से 2019 तक कांग्रेस सांसद के रूप में गुना का प्रतिनिधित्व किया। 2020 में जब उन्होंने भाजपा जॉइन की तो वे राज्यसभा सदस्य बन गए।