भोपाल . मध्यप्रदेश की 1999 बैच की आईएएस अफसर डा. शशि कर्णावत को भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त कर दिया गया है। केंद्र से डीओपीटी ने इसका आदेश जारी कर दिया, जिसे सोमवार को राज्य सरकार ने कर्णावत को तामील भी करा दिया है। कर्णावत प्रिंटिंग घोटाले में दोषी पाई गई थीं, तभी से वे निलंबित चल रही थीं।
जब कर्णावत से पूछा गया तो वे बोलीं- मुझे बर्खास्तगी के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, भाजपा सरकार की अब उलटी गिनती शुरू हो गई है। यह दलित विरोधी सरकार है और इनके पाप का घड़ा अब भर गया है। जल्द इस सरकार को इसके कर्मों का फल मिलना शुरू होगा।
ये था मामला
मंडला के विशेष न्यायालय ने 27 सितंबर 13 को जिला पंचायत में हुए प्रिंटिंग घोटाले में दोषी पाते हुए पांच वर्ष के कारावास और 50 लाख रुपए का जुर्माना किया था। उनको जेल भी भेज गया था। बाद में कर्णावत जमानत पर बाहर आ गई। उस समय राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी थी।
अब तक हटाए जा चुके 5 आईएएस
भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त होने वाली आईएएस कर्णावत प्रदेश की दूसरी महिला आईएएस हैं। इससे पहले आईएएस टीनू जोशी को बर्खास्त किया जा चुका है। टीनू के साथ उनके आईएएस पति अरविंद जोशी को भी बर्खास्त किया गया था। दोनों आयकर छापे से भ्रष्टाचार के मामले में उलझे थे। वहीं दो आईएएस अनिल यादव और एमके सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। इनमें यादव लंबे समय से लापता रहने और सिंह पर भ्रष्टाचार के कारण कार्रवाई हुई थी।
दो आईएएफ अभी बाकी
राज्य सरकार ने आईएफएस देवेश कोहली और वीएस होतगी का प्र्रस्ताव भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए भेजा है। इन पर भी डीओपीटी से जल्द कोई निर्णय आ सकता है।
33 लाख के घोटाले में दोषी करार
कर्णावत पर 33 लाख रुपए के प्रिंटिंग घोटाले के आरोप लगे थे। उन्हें 27 सितंबर २०१३ को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद दस बार उनके निलंबन की अवधि को सरकार बढ़ा चुकी थी। जनवरी 2015 में राज्य सरकार ने बर्खास्तगी का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था जिसे मंजूर कर लिया गया।