शाजापुर , मध्य प्रदेश के अकेले शाजापुर जिले में बीते 10 साल में 16 से अधिक पटवारी रिश्वत लेते पकड़े गये. साथ ही अन्य विभाग के कर्मचारी भी घूस लेने के मामले में गिरफ्तार हुए. मगर सजा अभी केवल 3 पटवारियों को ही हो पाई. बाकी बचे मामलों में आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. कोर्ट में चालान पेश होने में हो रही देरी के कारण रिश्वत के आरोपी पटवारी अभी भी फील्ड में काम कर रहे हैं. आरोपियों का सिर्फ हलका बदल दिया जाता है. इस प्रकार अन्य विभाग के कर्मचारी भी कोई ठोस कार्रवाई न होने से कुर्सी पर जमे हैं.
जमीन के मामले मे फंसे हैं सबसे ज्यादा पटवारी
शाजापुर में जितने भी पटवारी रिश्वत लेते पकड़े गए, उनमें से अधिकांश पटवारी जमीन की नपती, बंटवारा, नामांतरण के मामले मे रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए हैं. रिश्वत की रकम भी 10 हजार से ज्यादा नहीं होती है, क्योंकि गांव के किसान जमीन के मामले मे पटवारी के पास आते हैं. मगर जब पटवारी किसान की जमीन की समस्या नहीं सुनते या पैसे की मांग करते तो फिर उनकी लोकायुक्त में शिकायत होती है.
जांच की गति धीरे होने से चालान पेश नहीं होते
रिश्वत लेते जब भी किसी कर्मचारी को लोकायुक्त ने पकड़ा तो उसको तुरंत मुचलके पर जमानत मिल गई. वो फिर अपनी ड्यूटी करने लगता है. कोर्ट में जब चालान पेश होता है तब कर्मचारी को निलंबित किया जाता है. मगर जांच के नाम पर चालान पेश नहीं होते हैं, तब तक रिश्वतखोर कर्मचारी नौकरी करता रहता है.
तहसीलदार पकड़े गये, मगर सबूत न मिलने पर लगा खात्मा
शाजापुर तहसीलदार प्रकाश कस्बे को साल 2014 में घूस लेते पकड़ा गया था. फिर भी सजा नहीं हुई और लोकायुक्त को खात्मा करना पड़ा. अभी स्कूल शिक्षा मंत्री के निजी स्टाफ में काम कर रहे हैं. इस प्रकार आदिम जाति विभाग के कर्मचारी के पास से लोकायुक्त ने रिश्वत के पैसे पकड़े थे. मगर वो भी बरी हो गया. उसी पद पर काम कर रहा है. इसके अलावा और भी भी ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जांच की देरी के कारण नौकरी पर बने हुए हैं.
हड़ताल खत्म होते ही फिर पकड़ा गया पटवारी
जिले के मोहन बड़ोदिया में पदस्थ पटवारी रघुनंदन आबतिया को लोकायुक्त पुलिस ने हाल ही में 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा है. पटवारी ने संदीप नाम के किसान को बुलाया था कि आपका काम कर दूंगा. पैसा लगेगा. लेकिन इसरी बीच पटवारियों की हड़ताल शुरू हो गई थी. अब जैसे ही हड़ताल खत्म हुई और पटवारी ने रिश्वत के पैसे लिए तो लोकायुक्त ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया. लोकायुक्त टीआई दीपक शेजवार का बयान:-