भोपाल । मध्यप्रदेश में महिलाओं के लिए अच्छी खबर है। लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना, महिला स्वसहायता समूहों को आगे लाने के बाद अब महिला सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश की सभी सरकारी भर्तियों में महिलाओं के लिए पैंतीस फीसदी पद आरक्षित रखने का निर्णय लिया है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए राज्यपाल की अनुमोदन के बाद मध्यप्रदेश सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्ति हेतु विशेष उपबंध) नियम 1987 में संशोधन कर दिया है। इस नये संशोधन के बाद अब प्रदेश में राज्य के अधीन आने वाली सभी सेवाओं में सीधी भर्ती के सभी पदों का (केवल वन विभाग को छोड़कर) पैंतीस फीसदी महिलाओं के लिए आरक्षित होगा और यह आरक्षण क्षैतिज और प्रभागवार (हॉरिजेंटल एंड कंपार्टमेंट-वाइज) होगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक अभी तक महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में तैतीस फीसदी आरक्षण होता था अब इसे बढ़ाकर पैतीस प्रतिशत कर दिया गया है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में निकलने वाली भर्तियों के अलावा कर्मचारी चयन मंडल और अन्य विभागीय भर्तियों में अब सभी शासकीय पदों में महिलाओं के लिए पैतीस फीसदी पद आरक्षित रखे जाएंगे। महिलाओं के लिये सरकारी भर्तियों में आरक्षित पदों की संख्या बढ़ने का निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा और सरकारी नौकरियों में महिलाओं को आने के अधिक अवसर प्राप्त होंगे। ऐसे में आधी आबादी को प्रतिनिधित्व मिलेगा और वे अपने वर्ग के हित में निर्णय ले सकेंगी। उनके लिए और बेहतर काम कर सकेंगी।
शिक्षा विभाग में शैक्षणिक पदों पर 50% आरक्षण
वर्तमान में प्रदेश में शिक्षा विभाग के शैक्षणिक पदों में पचास प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। पुलिस सहित अन्य विभागों की भर्तियों में अभी महिलाओं के लिए तैतीस फीसदी आरक्षण का प्रावधान है।
प्रदेश में सभी शासकीय पदों पर होंने वाली सीधी भर्ती में अब महिलाओं को पैतीस प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए है।
गिरीश शर्मा, उपसचिव सामान्य प्रशासन