भोपाल , मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों से शुक्रवार को एक बेहद महत्वपूर्ण खबर सामने आई, जिसने सभी को चौंका दिया. दरअसल शिवराज कैबिनेट की ताकतवर मंत्री और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया.

यशोधरा को मध्य प्रदेश की राजनीति में काफी कद्दावर कहा जाता है. इसकी वजह है उनका सिंधिया घराने से होना. वह ग्वालियर की स्वर्गीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया की सबसे छोटी बेटी हैं. उनकी पढ़ाई लंदन से हुई है. यशोधरा राजे सिंधिया शिवपुरी विधानसभा सीट से 4 बार विधायक रही हैं. और इस बीच ग्वालियर संसदीय सीट से दो बार सांसद रह चुकी हैं. वह 25 साल से राजनीति में हैं और कभी चुनाव नहीं हारी हैं.

यशोधरा राजे अभी शिवराज कैबिनेट में खेल विभाग और उद्योग विभाग की कैबिनेट मंत्री हैं. अचानक चुनाव न लड़ने के ऐलान पर यशोधरा ने आजतक से बात करते हुए बताया, उन्हें 4 बार कोरोना हुआ है और मई के महीने में आखिरी बार जब कोरोना हुआ तो वो अब तक उससे पूरी तरह रिकवर नहीं हो पाई हैं, इसलिए अगले कुछ महीने वो पूरी तरह आराम करना चाहती हैं. यशोधरा के मुताबिक, उन्होंने चुनावी मैदान में न उतरने की जानकारी करीब एक महीने पहले ही अपने केंद्रीय नेतृत्व को दे दी थी.

कब-कब लड़ा चुनाव
यशोधरा राजे सिंधिया ने साल 1998 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और फिर 2003 में वो दोबारा विधानसभा चुनाव लड़ीं और जीतीं. हालांकि, 2007 में उन्हें लोकसभा उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया गया और फिर 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें जीत मिली. 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने फिर उन्हें शिवपुरी से उम्मीदवार बनाया. दोनों बार फिर चुनाव जीतकर यशोधरा शिवराज कैबिनेट में शामिल हुईं.