इंदौर: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार और प्रभावशाली नेता प्रमोद टंडन शनिवार (23 सितंबर) को कांग्रेस में फिर से शामिल हो गए. इससे चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में ऐसे नेताओं की संख्या छह हो गई है. इंदौर निवासी प्रमोद टंडन भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य थे और उन्होंने हाल में बीजेपी छोड़ दी थी. टंडन और बीजेपी से नाता तोड़ चुके दो अन्य स्थानीय नेताओं-रामकिशोर शुक्ला और दिनेश मल्हार को इंदौर में शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पार्टी में विधिवत शामिल किया गया.

बीजेपी से मोहभंग होने पर कांग्रेस में लौटने वाले प्रमोद टंडन, ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके दिवंगत पिता माधवराव सिंधिया के वफादार समर्थकों में गिने जाते रहे हैं. वह उन नेताओं में शामिल थे जो वर्ष 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य समंदर पटेल (52) के 18 अगस्त को भोपाल में सैकड़ों समर्थकों के साथ फिर से कांग्रेस में शामिल होने के बाद, प्रमोद टंडन कांग्रेस में लौटने वाले सिंधिया के छठे वफादार हैं.

6 नेता छोड़ चुके हैं सिंधिया खेमा
समंदर पटेल ने शनिवार (23 सितंबर) को मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि प्रमोद टंडन सिंधिया खेमे से कांग्रेस में दोबारा शामिल होने वाले छठे नेता हैं. पटेल से पहले, मध्य प्रदेश बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य बैजनाथ सिंह यादव अपने समर्थकों के साथ जुलाई में कांग्रेस पार्टी में फिर से शामिल हो गए थे. बैजनाथ सिंह यादव 2020 से पहले कांग्रेस के शिवपुरी जिला अध्यक्ष रह चुके हैं.

‘बीजेपी ने मुझे और मेरे समर्थकों नहीं किया स्वीकार’
पटेल ने कांग्रेस में लौटने के एक दिन बाद कहा, ‘बीजेपी ने न तो मुझे और न ही मेरे समर्थकों को स्वीकार किया.’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘बीजेपी के नेताओं ने मुझे किसी भी समारोह में आमंत्रित नहीं किया, जबकि मैं बीजेपी कार्य समिति का सदस्य था. इसके बजाय मेरे समर्थकों को झूठे मामलों में फंसाया गया और आर्थिक रूप से कमजोर किया गया.’