वालियर। खाकी को शर्मसार कर देने वाली घटना ग्वालियर में सामने आई है। ग्वालियर पुलिस के दरोगा मुकुल यादव ने प्रधान आरक्षक विकास तोमर और आरक्षक राहुल यादव के साथ मिलकर एमके सिटी स्थित फ्लैट में क्रिकेट पर सट्टा खिलवा रहे पन्द्रह सट्टेबाजों को पकड़ा। इन पर पिस्टल तान दी और डरा-धमकाकर इनके मोबाइल छीनकर इनके बैंक खातों से 23.15 लाख रुपये दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लिए। इसके अलावा 10 हजार रुपये नगद लिए और दो मोबाइल भी छीने। फिर सट्टेबाजों को धमकी दी- अगर 23 लाख रुपये वसूलने की खबर बाहर गई तो ऐसे केस लगाए जाएंगे, जिनमें पूरी जिंदगी जेल में सड़ना पड़ेगी।
जब सिरोल थाने में इन पर कार्रवाई की जा रही थी, तभी पुलिस अफसरों तक डरा-धमकाकर 23 लाख रुपये वसूलने की खबर पहुंच गई। इसके बाद तो जिन्हें सट्टा खेलते पकड़ा गया था, उनके बयान लिए गए। इसमें इन लोगों ने 23 लाख रुपये वसूलने की जानकारी दी, इसके चलते दरोगा सहित तीन पुलिसकर्मी और इनके एक साथी पर आइपीसी की धारा 384, 389, 294, 506 के तहत एफआइआर दर्ज की गई। आरोपित तीनों पुलिसकर्मी अभी गिरफ्तार नहीं हो सके हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है- इनकी लोकेशन शहर से बाहर मिल रही है। एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने तीनों को निलंबित कर दिया है। इनकी विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
गोला का मंदिर थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर मुकुल यादव को एमके सिटी स्थित फ्लैट नंबर-105 में क्रिकेट पर सट्टा लगवाने की खबर शनिवार रात को मिली थी। एसआइ ने इसकी सूचना क्राइम ब्रांच तक पहुंचाई। क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक विकास तोमर, आरक्षक राहुल यादव को साथ लेकर वह एमके सिटी के फ्लैट पर पहुंचा। इनके साथ एक निजी व्यक्ति भी था। इन लोगों ने फ्लैट में घुसकर 15 सट्टेबाजों को पकड़ा। इनके पास से 10 हजार रुपये नगद, दो मोबाइल छीन लिए। इनके मोबाइल देखे तो उसमें लाखों रुपये का हिसाब-किताब मिला। एसआइ मुकुल यादव के पास पिस्टल थी।
इन लोगों ने पिस्टल दिखाकर धमकाया- खातों की जानकारी मांगी, इसके पासवर्ड पूछे। जब नहीं बताया तो पूरी जिंदगी जेल में सड़ाने की धमकी दी। इसके बाद दो खातों से 23.15 लाख रुपये दूसरे खातों में ट्रांसफर कराकर सिरोल थाना पुलिस को कार्रवाई के लिए सुपुर्द कर दिया।
रात में तो लाखों रुपये वसूलने की खबर बाहर नहीं आई। सुबह यह अफसरों तक पहुंच गई। आनन-फानन में एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने क्राइम ब्रांच के डीएसपी सियाज केएम को जांच सौंपी। उन्होंने प्रारंभिक जांच की, तीन सट्टेबाजों के बयान लिए। जिसमें 23.25 लाख रुपये वसूलने की पुष्टि हो गई। इसके बाद तीनों पर एफआइआर दर्ज कर ली गई। इस मामले में फरियादी सट्टा खिलाता पकड़ा गया सट्टेबाज आशीष सोनी बताया है। आशीष सोनी और उसके साथी दतिया के रहने वाले हैं।
सब इंस्पेक्टर और उसके साथी पुलिसकर्मियों ने दो खातों से रुपये दूसरे बैंक खाते में ट्रांसफर किए। शिवम नरेश पटवार के खाता नंबर 100209131141 और आनंद अहिरवार के खाता नंबर 100209131120 से रकम खातों में ट्रांसफर हुई है। पुलिस अधिकारियों का मानना है इतनी बड़ी रकम किसी की शह के बिना यह लोग नहीं ले सकते। इसके पीछे खाकी के कौन से किरदार हैं, इसकी जड़ तक पुलिस अधिकारी पहुंचेंगे। यह भी पता लगा है कि सब इंस्पेक्टर मुकुल यादव की किसी निरीक्षक स्तर के अधिकारी से फोन पर इस संबंध में चर्चा हुई थी, इस संबंध में उसके पकड़े जाने के बाद खुलासा होगा। यह जानकारी एडीजी और एसएसपी तक भी है। इस पूरे कांड में अभी और भी नाम बढ़ सकते हैं।
आरोपित पुलिसकर्मी इस कांड के खुलने के बाद एक मंत्री के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन वहां से भी इन्हें मदद नहीं मिली। इसके बाद इन पर दोपहर में एफआइआर दर्ज हो गई। आशीष सोनी, विशाल कुशवाह, उदयभान कुशवाह, अमित कुशवाह, जितेंद्र परिहार, करण अहिरवार, बज्जू अहिरवार, विकास पाल, ऋषभ विश्वकर्मा, आकाश रजक, अनुराग देव, आशीष रजक, राजकुमार रायकवार, अमित सोनी, हृदेश पांडे पकड़े गए। इनसे 31 मोबाइल व लैपटाप मिले हैं।
सट्टा खिलवाने वालों को पकड़ने गए पुलिसकर्मियों ने इनसे 23.25 लाख रुपये वसूले। इस मामले में तीनों पर एफआइआर दर्ज की जाकर निलंबित किया गया है। इस तरह का शर्मनाक कृत्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इन पर और सख्त कार्रवाई जांच के बाद की जाएगी। इसमें और कौन शामिल हैं, इसकी भी पड़ताल कराई जा रही है।