सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के दो मोर्चों पर जंग वाले बयान पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि, ‘रावत का बयान पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विचारों के ठीक विपरीत है, जो दोनों नेताओं ने श्यामन में दिए थे. डोकलाम में दोनों सेनाओं के पीछे हटने के बाद भारत से इस तरह का बयान आना चौंकाने वाला है’.
शुआंग ने रावत के बयान पर सवाल उठाते हुए आगे कहा कि, ‘ क्या रावत इस तरह के बयान देने के लिए अधिकृत हैं. यदि उनका बयान भारत सरकार की ओर से है तो ये चिंताजनक है’.
गौरतलब है कि नई दिल्ली में एक सेमिनार में जनरल रावत ने कहा था कि, ‘पाकिस्तान और चीन से एक साथ दो मोर्चों पर जंग की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. जंग सच्चाई से बहुत दूर नहीं है. यह मानना एक मिथक ही है कि परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसियों में जंग नहीं होगी. पाकिस्तान का यह मानना है कि भारत उसका मुख्य दुश्मन है और उससे मतभेद दूर होने वाले नहीं हैं.’
चीन की नीयत पर सवाल उठाते हुए रावत ने यह भी कहा था कि, ‘भूटान के डोकलाम पठार में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध होने पर चीन ने अपनी आस्तीनें चढ़ानी शुरू कर दी थीं. चीन आगे भी भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश कर सकता है’.
चीन और भारत के रिश्तों पर शुआंग ने जोर देते हुए कहा कि, भारत और चीन पड़ोसी होने के साथ-साथ दो बड़े देश हैं. दोनों के बीच रिश्ते मधुर और स्थिर रहे यही पूरी दुनिया चाहती है. इससे दोनों देशों का भी विकास होगा. एक दूसरे का आदर करते हुए शांति और सद्भाव बनाए रखना दोनों देशों के लिए अच्छा होगा.