भोपाल: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में दो आदिवासी बच्चों की कुपोषण से मौत के मामले में राजनीति शुरू हो गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिर्फ अपने पोषण में लगे हुए हैं और प्रदेश के नौनिहाल कुपोषण से मृत्यु का शिकार हो रहे हैं. कमलनाथ ने कहा कि शिवपुरी जिले के पटपरी गांव में दो आदिवासी बच्चियों की कुपोषण से मृत्यु का हृदय विदारक समाचार गंभीर चिंता का विषय है.
वहीं, इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ में राज्य सरकार को जमकर घेरा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा,” सीएम शिवराज सिर्फ अपने पोषण में लगे हुए हैं और प्रदेश के नौनिहाल कुपोषण से मृत्यु का शिकार हो रहे हैं. शिवपुरी जिले के पटपरी गांव में दो आदिवासी बच्चियों की कुपोषण से मृत्यु का हृदय विदारक समाचार गंभीर चिंता का विषय है.”
उन्होंने आगे कहा,”कुपोषण से मृत्यु शासन व्यवस्था पर कलंक के समान है. कुपोषण को लेकर शिवराज सरकार की उदासीनता इस बात से समझी जा सकती है कि पटपरी गांव में आंगनबाड़ी भवन और पोषण आहार वितरण की व्यवस्था तक नहीं है. भाजपा की भ्रष्टाचार की भूख बच्चों के पोषण पर भारी है. कमीशन और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी भाजपा की सरकार से जनहित और आदिवासी कल्याण की उम्मीद करना बेमानी है.”
कुपोषण से हुई दोनों बच्चो की मौत!
दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील के पटपरी गांव में दो कुपोषित बच्चियों की मौत हो गई है. दोनों बच्चियों की उम्र एक साल थी और इनका वजन उम्र के अनुपात में काफी कम था. इन बच्चियों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया गया था लेकिन सेहत में सुधार न होने पर इनके परिजन इन्हें लेकर घर ले आए थे. इनमें एक बच्ची का वजन पांच किलो और दूसरी का पांच किलो सौ ग्राम था.
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक शिवपुरी की पोहरी तहसील के पटपरी गांव की लाली (1 साल ) पुत्री सोनू आदिवासी और मुरैना जिले की जौरा तहसील के जरेडू गांव की प्रीति (1 साल ) पुत्री रामभरत आदिवासी कुपोषित थे.9 अगस्त को प्रीति को पोहरी की एनआरसी में भर्ती कराया गया था.यहां तबीयत में सुधार न होने पर शिवपुरी एनआरसी भर्ती करवाया गया था.प्रीति की मां कहती है कि यहां भी आराम नहीं पड़ा तो हम बच्ची को लेकर घर आ गए.यहां 6 सितंबर को प्रीति ने दम तोड़ दिया.प्रीति को उल्टी और दस्त की शिकायत थी.
दूसरे दिन 7 सितंबर को इसी गांव में लाली आदिवासी ने भी दम तोड़ दिया. लाली को भी दस्त की शिकायत थी. इसे भी एनआरसी में भर्ती कराया गया था.ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन में एक-एक करके दो बच्चियों की मौत होने के बाद मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने पटपरी में टेक होम राशन बांटना शुरू दिया.पोहरी के एकीकृत बाल विकास परियोजना के सीडीपीओ नीरज सिंह गुर्जर के मुताबिक दोनों बच्चों को निमोनिया की शिकायत थी और दस्त के बाद उनकी मौत हुई है.