दो चुनावों के बीच नेताओं की संपत्तियों में बेतहाशा वृद्धि को लेकर कार्रवाई संबंधी जानकारी सार्वजनिक नहीं करने की केंद्र सरकार की मंशा पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई है। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए इस संबंध में जरूरी जानकारी देने के लिए कहा है। अदालत ने पाया कि दो चुनावों के बीच कुछ नेताओं की संपत्तियों में 500 फीसदी तक का इजाफा हुआ।
न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार केइरादे पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या सरकार ने ऐसे सांसदों या विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है जिनके चुनावी हलफनामे में संपत्तियों केबारे में दी गई जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में दी गई जानकारी से अलग है। पीठ ने कहा कि एक तरह जहां सरकार चुनाव में सुधार की बात करती है वहीं वह नेताओं के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं करना चाहती। पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल(एएसजी) पीएस नरसिंहा से कहा, ‘क्या यह भारत सरकार का रवैया है। अब तक आपने क्या किया है। पीठ ने एएसजी को 12 सितंबर तक नेताओं की संपत्तियों में बेतहाशा वृद्धि से संबंधित आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
एएसजी नरसिंहा ने कहा कि सरकार कार्रवाई करेगी। इस पर पीठ ने कहा कि आप यह सुनिश्चित कीजिए कि मंगलवार को ठीक साढ़े 10 बजे जानकारी उपलब्ध हो। पीठ ने कहा कि आपको मूल जानकारी देने में क्या परेशानी है। साथ ही पीठ ने यह भी कहा कि इस तरह के मामले में हल्के अंदाज में या अस्पष्ट बयान नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह बेहद गंभीर मामला है। अदालत लोकप्रहरी नामक एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिकाकर्ता संगठन की ओर से यह मसला उठाया गया कि चुनाव जीतने केबाद नेताओं की संपत्तियों में तेजी से वृद्धि होती है।
याचिका में गुहार की गई है कि चुनावी हलफनामे में न सिर्फ उम्मीदवार बल्कि उनकेपरिवार केदूसरे सदस्यों की संपत्तियों का भी ब्योरा देना अनिवार्य किया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश वकील ने कहा कि साफ-सूथरा चुनाव लोकतांत्रिक व्यवस्था का अहम हिस्सा है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के किसी तरह केनिर्देश का सरकार स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान न सिर्फ कूड़े तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसके तहत यह भी मसला आता है। उन्होंने कहा कि सरकार सही दिशा में काम कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *