रायपुर, छत्तीसगढ़ सरकार ने सोमवार को एक आदेश जारी किया है. इसमें कहा है कि रेप, छेड़छाड़ और कुछ अन्य अपराधों के आरोपियों को राज्य में सरकारी नौकरियों में नियुक्त करने पर रोक लगा दी गई है. इसकी जानकारी एक अधिकारी ने दी है. उन्होंने बताया कि यह आदेश राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी राजस्व प्रभागों के अध्यक्षों, विभागों के प्रमुखों, राजस्व प्रभागों के आयुक्तों और कलेक्टरों को जारी किया गया. जिन्हें निर्देश को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है.

दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में कहा था कि महिलाओं और लड़कियों से रेप, छेड़छाड़ और अन्य अपराधों के मामलों में आरोपियों पर राज्य में सरकारी नौकरियों में रोक लगाई जाएगी. कोई भी उम्मीदवार किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा. साथ ही जिसे महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो.

मौजूदा नियम और नया नियम एक जैसा
इसके अलावा किसी उम्मीदवार के खिलाफ अदालत में अपराध के मामले लंबित हों, उसकी नियुक्ति का मामला अंतिम निर्णय होने तक लंबित रखा जाएगा. यह आदेश छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम 1961 का हवाला देते हुए दिया गया है. आदेश पर टिप्पणी करते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के वकील अनीश तिवारी ने कहा कि मौजूदा नियम और नया नियम एक जैसा प्रतीत होता है.

सिविल सेवा नियम के तहत पहले से है प्रावधान
तिवारी ने आगे कहा कि सिविल सेवा नियम के तहत पहले से ही प्रावधान है कि अगर रेप और छेड़छाड़ से जुड़ा कोई मामला अदालत में लंबित है, तो उस व्यक्ति की सरकारी नौकरी में नियुक्ति मामले के अंतिम निपटान तक लंबित रखी जाएगी.