मध्य प्रदेश के कलेक्टर्स को और अधिक शक्तियां प्रदान की गई हैं। प्रदेश के गृह विभाग ने उनकी शक्ति बढ़ा दी है। अपने-अपने जिलों में अशांति और दंगा फसाद करने वालों की अब खैर नहीं होगी। कलेक्टर सीधे बदमाश को जेल भेज सकेंगे गृह विभाग में प्रदेश के सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं। गृह विभाग ने कलेक्टर को आदेश देते हुए कहा है कि 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच अशांति फैलाने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए एनएसए एक्ट के तहत जेल भेजा जाए।

दरअसल,मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश पुलिस को निर्देश दिए हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि आदतन अपराधी और लंबे समय से अपराध में शामिल अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जिससे चुनाव के दौरान अशांति और दंगा फसाद जैसी स्थिति ना बने। आयोग की निर्देश के बाद गृह विभाग ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किया है।

गृह विभाग में साफ कहा है कि पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने पिछले दिनों एक आदेश जारी किया था। मुख्यालय ने सभी एसपी को निर्देश दिए थे कि प्रदेश के 39 हजार बेल जंपर है। यानी कि अपराध करने के बाद कोर्ट से जमानत हुई और वापस पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई बेल का भी आरोपियों ने उल्लंघन किया।

पुलिस को कोर्ट की तरफ से आरोपियों की गिरफ्तारी करने के लिए निर्देश दिए, लेकिन पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए। एक तरफ मुख्यालय का आदेश दूसरी तरफ चुनाव आयोग की गाइडलाइन पुलिस के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है। क्योंकि आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आदतें अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। ऐसे में चुनाव के दौरान अपराधियों पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो गाज भी गिर सकती है।