भोपाल । कांग्रेस अपने विधायकों के टिकट काटने के मूड में नहीं हैं। इसके चलते ही पार्टी के आला नेताओं ने जिन विधायकों की हालत कमजोर है, उन्हें क्षेत्र में ही रहने के निर्देश दिए हैं। स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन और सदस्यों से भी मुलाकात करने के लिए उन्हें नहीं बुलाया गया है। जबकि माना जा रहा है कि कांग्रेस के 95 विधायकों में से तीस से ज्यादा की स्थिति अपने क्षेत्र में बेहतर नहीं हैं।

इनमें कुछ वरिष्ठ विधायक भी शामिल बताए जाते हैं। सूत्रों की मानी जाए तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और सुनील कानुगोलू के सर्वे में कांग्रेस के करीब तीस से चालीस विधायकों की स्थिति इस बार अच्छी नहीं मानी जा रही है। इनके खिलाफ या पार्टी के दूसरे गुट खुलकर सामने आ गए हैं, या इतना में इनकी छवि पूर्व की तरह नहीं बची है।

इसके अलावा कुछ के काम-काज और व्यवहार से भी जनता और कार्यकर्ता नाराज बताए जाते हैं। कांग्रेस इन विधायकों के टिकट काटना नहीं चाहती है। इसलिए इन्हें सर्वे में आई स्थिति से अवगत करा दिया गया है।  कांग्रेस ने ऐसे सभी विधायकों को कुछ दिन पहले ही सचेत कर दिया है, कि क्षेत्र में उनकी स्थिति अच्छी नहीं हैं। इसलिए अब सब काम छोड़ों और क्षेत्र में अपनी स्थिति बेहतर करने में लग जाओ। कमलनाथ के इस निर्देश के बाद अधिकांश विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में ही सक्रिय हैं। इनकी स्थिति को लेकर पार्टी एक आर और सर्वे करा सकती है।

इधर भाजपा के भी कई विधायक खतरे में
इधर भाजपा के भी कई विधायकों की स्थिति क्षेत्र में ठीक नहीं बताई जाती है। इनका भी विरोध पार्टी के ही कार्यकर्ता और अन्य स्थानीय नेता कर रहे हैं। पार्टी में इस बार निचले स्तर पर गुटबाजी भी हावी हो रही है। भाजपा में कांग्रेस जैसी स्थिति नहीं मानी जा रही है। हारने की संभावना होने पर भाजपा विधायकों के टिकट काट सकती है। इसमें भी 40 से 50 विधायकों के टिकट काटे जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।