नई दिल्‍ली । भारतीय सेना में तैनात एमपी के जवान दीपक चौधरी ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है. कुछ समय पहले वो घर आने का वादा कर ड्यूटी पर गए थे. गुरुवार को जैसे ही शहादत की खबर मिली तो उनके दोस्त, परिजन व अन्य लोग भोपाल पहुंचे. शुक्रवार शाम पार्थिव शरीर शुजालपुर पहुंचा और शनिवार को भोपाल में उनका अंतिम संस्कार किया गया.

भारतीय सेना में तैनात एमपी के जवान दीपक चौधरी ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है. वो शुजालपुर के रहने वाले थे और वर्तमान में लद्दाख में सेवाएं दे रहे थे. बताया जा रहा है अत्यधिक कम तापमान की वजह से उन्होंने जान गंवाई. जैसे उनकी शहादत की खबर घर पहुंची तो शोक का माहौल हो गया. शव पहुंचने के बाद शनिवार को पूरे सम्मान के साथ अंतिम सस्कार किया गया. इस दौरान दीपक के बच्चों के शब्द सुनकर हर आंख नम हो गई.

बता दें कि दीपक ने शुजालपुर मंडी के सरस्वती शिशु मंदिर से 2003 में हाईस्कूल और 2005 में शारदा एक्सीलेंस स्कूल से हायर सेकंडरी की परीक्षा पास की थी. बचपन से ही उनके अंदर देश सेवा का जुनून था. यही वजह थी कि साल 2006 में भारतीय सेना में नौकरी पाई.

भोपाल में अंतिम संस्कार किया गया

कुछ समय पहले वो घर आने का वादा कर ड्यूटी पर गए थे. गुरुवार को जैसे ही शहादत की खबर मिली तो उनके दोस्त, परिजन व अन्य लोग भोपाल पहुंचे. शुक्रवार शाम पार्थिव शरीर शुजालपुर पहुंचा और शनिवार को भोपाल में उनका अंतिम संस्कार किया गया.

‘पापा से परसों मेरी बात हुई थी’

दीपक के पिता तेज प्रकाश चौधरी शहर में प्राइवेट नौकरी करते हैं. छोटा भाई पवन चौधरी एक निजी बैंक में कर्मचारी है. दीपक की दो बेटियां हैं. बेटी ने बताया, ‘पापा से परसों मेरी बात हुई थी. तब पापा ने कहा था कि तेरे बर्थडे पर गिफ्ट लेकर आऊंगा’